पंजाब के जालंधर में भारी बारिश के बाद जलभराव की यह तस्वीर मौसम की मार ही नहीं अनियोजित शहरीकरण और अतिक्रमण की हकीकत भी बयां कर रही है. इसमें एक यात्री पानी से भरी सड़क से गुजर रहा है जहां चलना भी एक चुनौती बन चुका है. नदियों और नालों पर हुए कब्जों ने प्राकृतिक जल निकासी के रास्ते बंद कर दिए हैं, जिसका नतीजा हर बारिश में शहर भुगतता है. यह दृश्य हमें याद दिलाता है कि अगर अब भी शहरों की प्लानिंग और पर्यावरण को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई गई तो हर मानसून मुसीबत बनकर ही लौटेगा. (PTI)
ओडिशा के कटक में भी कुछ ऐसे ही नजारे हैं. भारी बारिश के बाद सड़कों पर पानी भर गया जिससे लोगों को आवाजाही में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. तस्वीर में यात्री जलमग्न सड़कों से अपने वाहनों से गुजरते नजर आ रहे हैं, जहां हर कदम संभलकर रखना पड़ रहा है. बारिश के बाद बने ये हालात हर साल बरसात में आम लोगों को परेशानी में डाल देते हैं. जलभराव की ये स्थिति सिर्फ मौसम की नहीं व्यवस्था की भी परीक्षा है. (PTI)
ये तस्वीर पंजाब के जालंधर की है जहां लगातार हो रही भारी बारिश ने जलभराव की गंभीर स्थिति पैदा कर दी है. फोटो में एक साइकिल सवार पानी से भरी सड़क से गुजरता नजर आ रहा है जो दिखाता है कि जन-जीवन किस तरह से प्रभावित हो गया है. बारिश ने शहर की रफ्तार थाम दी है. गलियां पानी में डूबी हैं, यातायात बाधित है और लोगों को रोजमर्रा के कामों के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है. ये नजारा बताता है कि शहरी तैयारियां अब भी मानसून के सामने बेबस नजर आती हैं. (PTI)
ओडिशा के बालासोर जिले की यह तस्वीर प्राकृतिक आपदा के बीच इंसानी जद्दोजहद को दिखाती है. लोग उफनती सुवर्णरेखा नदी के पानी से भरी सड़क पर पैदल चलते नजर आ रहे हैं, जहां हर कदम जोखिम भरा है. अधिकारियों के मुताबिक, भारी बारिश के बाद चांडिल बांध से पानी छोड़े जाने के कारण नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है. हालात बिगड़ने के साथ कई इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है, और लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने का कार्य जारी है. (PTI)
गुजरात के राजकोट में भारी बारिश के बाद हालात बेकाबू हो गए हैं. तस्वीर में देखा जा सकता है कि सड़कों पर इतना पानी भर गया है कि निचले इलाके छोटे तालाबों में तब्दील हो गए हैं. यातायात पूरी तरह से ठप है, और लोग घरों में कैद होने को मजबूर हैं. मैट्रो और पाइपलाइन के निर्माण कार्यों से निकला मलबा नालों में अटका हुआ है, जिससे जल निकासी रुक गई और जलभराव की स्थिति और बदतर हो गई है. फोटो में एक बच्चा पानी में तैरता नजर आ रहा है, जबकि कुछ अन्य बच्चे भी पास में खड़े हैं. ये दृश्य खतरे और मासूम लापरवाही का मिश्रण है, जो हमें सोचने पर मजबूर करता है कि विकास कार्यों की कीमत कहीं बच्चों की सुरक्षा तो नहीं बन रही. (PTI)
असम के गुवाहाटी में लगातार हो रही भारी बारिश ने शहर की हालत बिगाड़ दी है. कई इलाकों में जलभराव ने लोगों की दिनचर्या को बुरी तरह प्रभावित किया है. तस्वीर में एक रिक्शेवाला पानी में डूबे रास्ते पर सवारी को ले जा रहा है. रिक्शे के दोनों पहिए पानी में पूरी तरह डूबे हुए हैं और एक महिला सवारी संभलकर बैठी है. यह दृश्य संघर्ष, मजबूरी और लापरवाह शहरी व्यवस्था की एक झलक है जहां हर बारिश के बाद आम लोगों को हालात से खुद लड़ना पड़ता है. बारिश राहत नहीं, मुसीबत बन गई है. (PTI)
ओडिशा के बालासोर जिले के एक गांव की यह तस्वीर बाढ़ की त्रासदी और ग्रामीणों के साहस को बयां करती है. लोग उफनती सुवर्णरेखा नदी के पानी से होकर रास्ता पार कर रहे हैं, जहां चारों ओर सिर्फ बहता पानी और खतरे की आहट है. बाढ़ ने गांव का संपर्क बाहरी दुनिया से लगभग काट दिया है, लेकिन जरूरी काम और जिंदगी की जद्दोजहद में लोग जान जोखिम में डालकर आगे बढ़ने को मजबूर हैं. ये दृश्य सिर्फ बाढ़ का नहीं बल्कि व्यवस्था और मौसम दोनों से जूझते आम आदमी की कहानी है. (PTI)
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं ने हालात गंभीर कर दिए हैं. ब्यास नदी उफान पर है और उसके तेज बहाव ने आसपास के इलाकों में जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है. तस्वीर में दिख रही ब्यास की विकराल धारा सिर्फ एक नदी नहीं बल्कि प्राकृतिक आपदा की चेतावनी जैसी नजर आती है. पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही बारिश ने भूस्खलन, रास्ता बंद होने और मकानों को नुकसान पहुंचाने जैसे खतरे और बढ़ा दिए हैं. (PTI)
वाराणसी में हुई तेज बारिश ने स्थानीय बाजारों में पानी भर दिया जिससे दुकानदारों और छोटे व्यापारियों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा. गलियों में जलभराव ने कारोबार की रफ्तार रोक दी है. तस्वीर में एक बाबा दिखाई दे रहे हैं जो एक हाथ में कमंडल और दूसरे हाथ में छाता लिए पानी भरी सड़क से गुजर रहे हैं. यह दृश्य शहर की परंपरा और वर्तमान हालात दोनों को एक फ्रेम में समेटे हुए है जहां एक ओर आध्यात्मिक नगरी की पहचान है, वहीं दूसरी ओर बारिश की मार से बेहाल जनजीवन भी. (PTI)
हैदराबाद में लगातार हो रही भारी बारिश ने शहर की रफ्तार थाम दी है. कई इलाकों में जलभराव की गंभीर स्थिति बन गई है जिससे सड़कें तालाब जैसी नजर आने लगीं और यातायात पूरी तरह ठप हो गया. यह दृश्य बताता है कि आधुनिक शहर भी बारिश के सामने बिलकुल लाचार नजर आते हैं. जल निकासी की कमजोर व्यवस्था और अनियोजित विकास हर मानसून में लोगों की परेशानी को और बढ़ा देते हैं. (PTI)
ओडिशा के बालासोर जिले में भारी बारिश के बाद चांडिल बांध से छोड़े गए पानी ने सुवर्णरेखा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ा दिया है. तस्वीर में दिख रहे पुल पर वाहन सावधानी से गुजरते नजर आ रहे हैं, जबकि नदी अपने उफान पर है. ये दृश्य किसी भी वक्त बाढ़ के खतरे में तब्दील हो सकता है जहां एक छोटी सी लापरवाही बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है. प्रशासन अलर्ट मोड पर है लेकिन हालात लगातार चुनौतीपूर्ण बने हुए हैं. (PTI)