असम के दरांग जिले के धौलपुर गोरुखुटी इलाके में गुरुवार को पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच झड़प हो गई जिसमें कम से कम दो प्रदर्शनकारी मारे गए जबकि नौ पुलिसकर्मियों समेत कई अन्य घायल हो गए.
यह झड़प उस वक्त हुई जब राज्य कृषि परियोजना से संबंधित भूमि से अवैध अतिक्रमणकारियों को हटाने के लिए पुलिस की टीम वहां पहुंची थी.
बता दें कि बीते दिनों असम सरकार ने भूमि को पूरी तरह से अतिक्रमणकारियों से मुक्त कराने और राज्य कृषि परियोजना में भूमि का उपयोग करने का निर्णय लिया था.
असम सरकार द्वारा सोमवार को दरांग जिले के धौलपुर गोरुखुटी गांव को खाली कराने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाए जाने के बाद 800 से अधिक परिवार बेघर हो गए थे.
लोग इस कार्रवाई का विरोध कर रहे थे. सरकार ने इन परिवारों से 4,500 बीघा जमीन खाली कराया था. इस गांव में ज्यादातर पूर्वी बंगाल मूल के मुसलमान रहते हैं.
अब पुलिस और ग्राणीणों के बीच हुई हिंसक झड़प का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. गांव में जमीन खाली कराने का अभियान जून में शुरू किया गया था जिसके बाद एक समिति ने इलाके का दौरा किया था.
समिति ने कहा था कि अभियान में 49 मुस्लिम परिवारों और एक हिंदू परिवार के घर को उखाड़ फेंका गया था, जिसके बारे में स्थानीय समाचार पत्रों ने दावा किया था कि उन्होंने 120 बीघा जमीन (1 बीघा लगभग 900 वर्ग गज) को अतिक्रमणकारियों से मुक्त करने की "मंजूरी" दी थी जो कथित तौर पर "प्रागैतिहासिक" शिव मंदिर से संबंधित थी.
धौलपुर गोरुखुटी के कुछ निवासियों ने एक समाचार संगठन को बताया कि बेदखल परिवारों की संख्या 900 से अधिक थी, जिससे प्रभावित लोगों की संख्या कम से कम 20,000 हो जाएगी.
7 जून को जिला प्रशासन द्वारा जमीन से बेदखल करने का पहला अभियान चलाए जाने के एक दिन बाद धौलपुर गोरुखुटी का दौरा करने के बाद मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने यहां कई परियोजनाओं की घोषणा की थी.