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वैक्सीन पर हाहाकार के बीच नियमों की मार- कहीं शराब BAN, कहीं सैलरी रोकी

वैक्सीन न लगवाने पर कहीं शराब तो कहीं सैलरी पर रोक
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एक तरफ देश कोरोना वैक्सीन की भारी किल्लत से झूझ रहा है. राज्य सरकारों की तरफ से केंद्र सरकार को बार- बार यह कहा जा रहा है कि उनके पास वैक्सीन खत्म हो चुकी है. जब तक पर्याप्त वैक्सीन उपलब्ध नहीं होगी वो टीकाकरण के अभियान को आगे नहीं बढ़ा सकते हैं. दूसरी तरफ राज्यों से भी ऐसी खबर आ रही है कि जिन लोगों ने वैक्सीन नहीं लगाई उनकी सैलरी पर रोक लगाने की बात कही जा रही है. तो कहीं शराब खरीदने के लिए टीकाकरण का प्रमाण पत्र जमा कराने के लिए कहा जा रहा है. ऐसे में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. 

(प्रतीकात्मक फोटो- रॉयटर्स)

वैक्सीन न लगवाने पर कहीं शराब तो कहीं सैलरी पर रोक
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मध्य प्रदेश के उज्जैन में निगम आयुक्त क्षितिज सिंघल ने टीकाकरण के प्रति अपने कर्मचारियों की लापरवाही को देखते हुए एक फरमान सुनाया है. उन्होंने टीका नहीं लगवाने वाले कर्मियों की सैलरी रोकने के आदेश जारी किए हैं. हालांकि निगम कमिश्नर ने ये भी कहा कि जिन लोगों ने वैक्सीन की एक डोज लगाई है, उनकी सैलरी नहीं रोकी जाएगी. 

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निगम कमिश्नर क्षितिज सिंघल ने कहा कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार ने दूसरे चरण में निगम के कर्मचारियों को फ्रंट लाइन वर्कर मानकर वैक्सीनेशन करने के आदेश दिए थे. लेकिन उज्जैन नगर निगम ने करीब 1600 कर्मचारियों में से अब तक मात्र 70 प्रतिशत को ही वैक्सीन लगी है.  इसमें कुछ अधिकारी भी शामिल हैं. कर्मचारियों की इस लापरवाही को देखते हुए अब कमिश्नर ने आदेश निकाला है कि मई माह की सैलरी उन्हें नहीं मिलेगी. साथ ही उन्होंने कहा कि जिन कर्मचारियों ने वैक्सीन की एक डोज लगाई है उनकी सैलरी नहीं रोकी जाएगी.

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इसके अलावा क्षितिज सिंघल ने कहा है कि निगमकर्मी दिनभर जनता के बिच भीड़ वाले इलाकों में काम करते हैं.  उनकी सेफ्टी के लिए वैक्सीनेशन बेहद जरुरी है, देशभर में कोरोना टीकाकरण किया जा रहा है,  इसमें  फ्रंटलाइन स्वास्थ्यकर्मियों और निगमकर्मी के साथ आम लोगों को भी वैक्सीन लगाई जा रही है. लेकिन कोरोना का टीका लगवाना सरकार की तरफ से अनिवार्य नहीं किया गया है.  केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से साफ कहा गया है कि वैक्सीन लगवाना बिल्कुल स्वैच्छिक है, कोई भी शख्स वैक्सीन लगवाने के लिए बाध्य नहीं है. 

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उज्जैन के अलावा दूसरे राज्यों में भी प्रशासन की तरफ से लोगों पर अगल अलग तरीकों से वैक्सीनेशन का दबाव बनाया जा रहा है. लोगों का कहना है कि सरकार के पास ही जब वैक्सीन नहीं है, हम कहां से लगवाएं. 

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यूपी के फिरोजाबाद में भी जिलाधिकारी ने फरमान जारी कर दिया कि 3 दिन में टीकाकरण का प्रमाण पत्र जमा कराओ वरना सैलरी नहीं मिलेगी. जिला प्रोबेशन अधिकारी डॉक्टर प्रभा शंकर ने एक लेटर जारी किया, जिसमें कहा गया कि सभी कर्मचारी अपना कोविड प्रमाण पत्र 3 दिन के अंदर अधोहस्ताक्षरी कार्यालय में प्रस्तुत करें. इस लेटर के जारी होते ही सभी अधिकारी और कर्मचारियों में हड़कंप मच गया और सभी वैक्सीन लगवाने पहुंचने लगे.

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यूपी के सैफई में तैनात एसडीएम हेम कुमार सिंह ने अपने क्षेत्र में पुलिस बल के साथ शराब के ठेके, अंग्रेजी शराब की दुकानों पर चेकिंग की. साथ ही उन शराब की दुकानों पर पोस्टर चस्पा करवा दिए. पोस्टरों पर लिखा हुआ है कि लोगों को शराब की बिक्री तभी की जाएगी जब वे अपने कोरोना वैक्सीनेशन का प्रमाण पत्र दिखाएंगे. पहले वैक्सीन लगवाएं, उसके बाद शराब खरीदने आएं. 

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वहीं इस मामले में आबकारी अधिकारी ने बताया कि शराब की दुकानों के लिए ग्राहकों का वैक्सीनेशन कराना का कोई आधिकारिक आदेश नहीं है. लेकिन सैफई के एसडीएम यदि ऐसा कर रहे हैं तो वह स्वविवेक से कर रहे हैं. वैक्सीनेशन के लिए प्रेरित करना अच्छी बात है लेकिन शराब बिक्री के लिए यह अनिवार्य नहीं है. 

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बिहार के सारण में भी जिलाधिकारी डॉक्टर नीलेश रामचंद्र देव ने एक ऐसा ही अजीबोगरीब फरमान जारी किया है. डीएम ने अपने आदेश में कहा कि जो भी सरकारी कर्मचारी कोरोना वैक्सीन नहीं लगाएगा, उसको अगले आदेश तक सैलरी नहीं दी जाएगी.  जिलाधिकारी के इस फरमान को लेकर हर कोई परेशान है. कर्मचारियों का कहना है कि जब वैक्सीन उपलब्ध होगी तभी टीका लग पाएगा. जो 18+ वालों में आते हैं, 18 से 45 साल के बीच के कर्मचारियों के लिए वैक्सीन का स्लॉट ही खाली नहीं मिल रहा है. ऐसे में उनके सामने मुश्किल खड़ी हो गई है.

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सारण जिलाधिकारी डॉ. नीलेश रामचंद्र देव के पास MBBS डिग्रीधारी है, उन्होंने ज्वाइनिंग के बाद स्वयं को टीका लगवाने के बाद यह कहा था कि कोविड से बचाव के लिए सभी को टीकाकरण करवाना चाहिए. बता दें,  इस आदेश से जिलेभर के करीब हजारों कर्मचारी प्रभावित होंगे. कुछ दिन पहले मध्य प्रदेश में दतिया के कलेक्टर संजय कुमार ने भी ऐसा ही आदेश दिया था. जिसमें कहा गया कि जो कर्मचारी वैक्सीन नहीं लगवाएगा, उसका मई महीने का वेतन जारी नहीं होगा.  

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