महाराष्ट्र की राजनीति में राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के एक साथ आने की चर्चाएं तेज हैं. इस मुद्दे पर बीजेपी सांसद और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे ने अपनी राय रखी. उन्होंने कहा कि शिवसेना ने पिछले साठ सालों में मराठी अस्मिता की राजनीति की, लेकिन बाला साहब के बाद मराठी लोगों के हित में कोई काम नहीं किया. राणे ने मुंबई में मराठी लोगों की घटती संख्या पर भी सवाल उठाए.