शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के संभावित गठबंधन को लेकर जारी चर्चाओं के बीच शिवसेना (UBT) सांसद संजय राउत ने रविवार को स्पष्ट किया कि इस मुद्दे पर अंतिम फैसला सिर्फ उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ही लेंगे. उन्होंने कहा कि इस पर किसी और की टिप्पणी का कोई महत्व नहीं है.
राउत ने कहा, मनसे के जो नेता गठबंधन के खिलाफ बयान दे रहे हैं, वे राजनीति में देर से आए हैं. ठाकरे भाइयों को मैं बरसों से करीब से जानता हूं. मुझे पता है क्या होने वाला है और क्या नहीं. बाकी किसी की बात मायने नहीं रखती.
मुलाकात के बाद अटकलें तेज
यह बयान ऐसे समय आया है जब मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने हाल ही में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुंबई के एक होटल में मुलाकात की थी, जिससे राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई. इसके चलते अटकलें लगाई जा रही हैं कि राज ठाकरे फिर से भाजपा के साथ जा सकते हैं. लोकसभा चुनाव 2024 में उन्होंने भाजपा नेतृत्व वाली महायुति को समर्थन दिया था.
हाल ही में उद्धव और राज ठाकरे के कुछ बयानों ने संकेत दिए कि वे करीब दो दशक बाद फिर साथ आ सकते हैं. दोनों ने 'मराठी मानुष' के हित में 'छोटी बातों' को भुलाने की बात कही है. राज ठाकरे ने कहा कि अगर महाराष्ट्र और मराठी समाज के हित में एक होना जरूरी है, तो यह मुश्किल नहीं है. वहीं उद्धव ठाकरे ने यह शर्त रखी कि जो महाराष्ट्र के खिलाफ काम कर रहे हैं, उन्हें गठबंधन में स्थान नहीं मिलेगा.
मुंबई महानगरपालिका चुनाव समेत अन्य निकाय चुनावों से पहले दोनों ठाकरे भाइयों के बीच समीकरण बन सकते हैं. हालांकि भाजपा और मनसे के बीच संभावित गठबंधन की चर्चाएं भी तेज हैं, खासकर 12 जून को फडणवीस और राज ठाकरे की मुलाकात के बाद.
अब राजनीतिक हलकों की नजर इस बात पर टिकी है कि क्या ठाकरे बंधु मिलकर शिवसेना और मनसे को एकजुट कर पाएंगे या राजनीतिक समीकरण एक बार फिर करवट लेंगे.