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पालघर: AI की मदद से बनाया लड़कियों का अश्लील Video, पुलिस अफसर के 2 बेटे गिरफ्तार

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से तकनीकी क्षेत्र में कई सहूलियत तो हुई हैं. लेकिन अब इसके कई दुष्परिणाम भी सामने आने लगे हैं. महाराष्ट्र के पालघर में एक पुलिस अफसर के दो बेटों को गिरफ्तार किया गया है, जिन पर AI की मदद से लड़कियों के अश्लील वीडियो बनाने का आरोप है.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

महाराष्ट्र के पालघर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के गलत इस्तेमाल का चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां एक पुलिसकर्मी के दो बेटों ने AI की मदद से कई लड़कियों और महिलाओं के अश्लील वीडियो बना दिए और उन्हें सोशल मीडिया पर शेयर भी कर दिया. जब लड़कियों ने इसका विरोध किया तो आरोपियों ने उनके साथ मारपीट भी की. 

घटना के बाद दो लड़कियों ने पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई और दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया. पालघर पुलिस के मुताबिक संभवत: यह राज्य का पहला मामला है, जिसमें आपत्तिजनक वीडियो बनाने के लिए AI का इस्तेमाल किया गया है. अर्नाला समुद्री पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ निरीक्षक कल्याण करपे ने बताया कि आरोपियों की उम्र 19 और 21 साल है. दोनों के पिता मुंबई में पुलिस अधिकारी हैं. 

आपत्ति जताने पर की मारपीट

पुलिस के मुताबिक दोनों आरोपियों ने महिलाओं और लड़कियों की तस्वीरों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल का इस्तेमाल करके अश्लील वीडियो तैयार किए. इनका शिकार बनीं दो लड़कियों ने वीडियो को लेकर आरोपियों के सामने अपनी आपत्ति जाहिर की. इसके बाद दोनों आरोपियों ने लड़कियों के साथ मारपीट की. थक-हाकर दोनों लड़कियां पुलिस के पास पहुंचीं और आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कराया. पुलिस ने इस मामले में यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम (POCSO) की धाराओं के तहत भी केस दर्ज किया है.

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US में भी सामने आ चुके है केस

इससे पहले एआई की गलती के चलते एक गर्भवती महिला के गिरफ्तार होने का मामला भी सामने आ चुका है. हालांकि, यह केस हमारे देश में नहीं. बल्कि, अमेरिका के डेट्रायट में हुआ था. रिपोर्ट्स की मानें तो 8 महीने की प्रेग्नेंट महिला को पुलिस ने फेस रिकग्निशन टेक्नोलॉजी की गड़बड़ी की वजह से गिरफ्तार कर लिया था. 32 साल की पोर्चा वुड्रफ ने कोर्ट में चल रहे मामले में बताया था कि 16 फरवरी को जब वो अपने दोनों बच्चों को स्कूल के लिए रेडी कर रही थी, तभी पुलिस अधिकारी उन्हें गिरफ्तार करने के लिए आए और हथकड़ी लगाकर ले गए थे.

2015 में कार चोरी का था मामला

केस के मुताबिक, वुड्रफ की साल 2015 की कुछ फोटोज को जब कारजैकिंग पीड़ित को दिखाया गया था तो उसने वुड्रफ की फोटो को अपराधी के तौर पर चुना था. हालांकि, वुड्रफ के खिलाफ सबूत ना होने की वजह से पुलिस ने उन्हें उसी दिन छोड़ दिया था. हालांकि, इस केस के बाद AI के इस तरह इस्तेमाल किए जाने पर भी सवाल उठने लगे हैं.

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