मुंबई के पेरेल-कल्याण एसी लोकल ट्रेन में तीन यात्रियों को फर्जी AI जनरेटेड टिकट के साथ पकड़ा गया. टिकट चेकर, प्रशांत कांबले ने 28 नवंबर 2025 को यह चोरी पकड़ी. यात्रियों ने अपने मोबाइल में 'My Files-Documents' फोल्डर में टिकट दिखाई, लेकिन UTS ऐप में खोलने पर टिकट असत्य पाए गए.
एक जैसे नंबर वाले टिकट मिले
तीनों टिकटों का नंबर समान था (XOOJHN4569), जबकि हर टिकट का अलग नंबर होना चाहिए. इसके बाद उनके मोबाइल नंबरों से सत्यापन किया गया, जिसमें पुष्टि हुई कि इन नंबरों से कोई टिकट जारी नहीं हुआ. इससे स्पष्ट हुआ कि टिकट फर्जी थे और AI के जरिए बनाए गए थे.
यात्रियों पर दर्ज की गई FIR
फर्जी टिकट के साथ पकड़े गए यात्री नीरज तळरेजा, अथर्व बाग और अदिति मंगलुरकर हैं. इन्हें सरकारी रेलवे पुलिस/कुर्ला को सौंपा गया. इनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता अधिनियम 2023 की धारा 318/2, 336/3, 336/4, 340(1), 340(2) और 3/5 के तहत FIR दर्ज की गई.
प्रशांत कांबले की सतर्कता और फुर्ती से यह फर्जी टिकट रैकेट पकड़ा गया. उनकी मेहनत और जिम्मेदारी ने एक उदाहरण स्थापित किया. केंद्रीय रेलवे ने यात्रियों से अपील की है कि वे केवल वैध टिकट का ही उपयोग करें, जो रेलवे स्टेशन, ATVM या UTS मोबाइल ऐप के जरिए खरीदे गए हों.
केंद्रीय रेलवे ने साफ किया है कि फर्जी टिकट बनाने या उसका उपयोग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. भारतीय न्याय संहिता अधिनियम 2023 के तहत अपराध करने पर सात साल तक की जेल या जुर्माना, या दोनों का सामना करना पड़ सकता है. यात्रियों को चेताया गया है कि वे धोखाधड़ी से टिकट न बनवाएं और न ही यात्रा करें.
यात्रियों से अनुरोध है कि मोबाइल UTS ऐप डाउनलोड करके टिकट खरीदें और केवल वैध टिकट पर ही यात्रा करें. फर्जी टिकट की पकड़ से यह स्पष्ट हुआ कि रेलवे अधिकारी सतर्क हैं और नियमों के उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई करेंगे.