महाराष्ट्र में ठाणे की भ्रष्टाचार निवारण ब्यूरो (ACB) ने मीरा भायंदर नगर निगम के दो कर्मचारियों और एक मध्यस्थ को 16,000 रुपए रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है. आरोप है कि उन्होंने घोड़बंदर रोड के काजुपाड़ा इलाके में अवैध रूप से बने एक छोटे कमरे को तोड़े जाने से रोकने के लिए यह रकम मांगी थी.
गिरफ्तार आरोपियों में 43 वर्षीय राजेश कदम, MBMC के एंटी-एनक्रोचमेंट विभाग के क्लर्क, 55 वर्षीय सुहास केनी, उसी विभाग के सफाईकर्मी और 47 वर्षीय संजय भोला मध्यस्थ शामिल हैं. ACB के इंस्पेक्टर सचिन गोरे के मुताबिक, दो कर्मचारियों ने शुरू में 20,000 रुपए की मांग की थी. इसके बाद 16,000 रुपए में बात तय हुई.
शिकायतकर्ता ने बताया कि उसने काजुपाड़ा में लोहे की चादरों से अस्थायी रूप से एक कमरा बनाया था. MBMC के कर्मचारियों ने उसे यह कहते हुए पैसे की मांग की कि यदि पैसे नहीं दिए तो कमरा तोड़ दिया जाएगा. पैसे दे दो तो नहीं तोड़ेंगे. शिकायतकर्ता ने इस मामले को लेकर तुरंत ACB को सूचित किया और भ्रष्टाचार निवारण एजेंसी ने होटल के पास जाल बिछाकर भोला को रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया. उसके बाद राजेश कदम और सुहास केनी को भी गिरफ्तार किया गया.
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अफसरों ने कहा कि यह कार्रवाई भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के खिलाफ एक सख्त संदेश है. आरोपियों के खिलाफ कशिगांव पुलिस स्टेशन में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है और मामले की जांच जारी है. लोगों का कहना है कि इस प्रकार की कार्रवाई से स्थानीय प्रशासन और नागरिकों में यह भरोसा बढ़ता है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ कठोर कदम उठाए जा रहे हैं और नियमों का उल्लंघन करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा.