महाराष्ट्र में शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बीजेपी पर हमला बोला है. उद्धव ने आरोप लगाते हुए कहा है कि वक्फ के बाद अब बीजेपी की नजर ईसाई, जैन, बौद्ध और हिंदू मंदिरों की जमीनों पर है, जिन्हें उनके मित्र को सौंपा जाएगा. साथ ही ठाकरे ने बीजेपी को राम जैसा व्यवहार करने की सलाह दी.
उद्धव ठाकरे ने क्या कहा?
उद्धव ठाकरे ने शिवसेना (यूबीटी) के आईटी और कम्युनिकेशन विंग 'शिव संचार सेना' के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बीजेपी पर हमला बोला है. उद्धव ने कहा कि वक्फ कानून लागू करने के बाद बीजेपी की नजर अब ईसाई, जैन, बौद्ध और हिंदू मंदिरों की जमीनों पर है, जिन्हें उनके मित्र को सौंपा जाएगा. इन्हें किसी भी समुदाय से कोई प्रेम नहीं है.
बीजेपी को अब राम जैसा व्यवहार करना चाहिए, ना कि देश के धार्मिक ढांचे को नुकसान पहुंचाना चाहिए. उद्धव की ये टिप्पणी बीजेपी के 45वें स्थापना दिवस पर की गई है.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को अपनी मंजूरी दे दी. सरकार का कहना है कि यह कानून देश में मुस्लिम धार्मिक संपत्तियों से संबंधित सुधार लाएगा. उद्धव ठाकरे ने कहा, 'उन्होंने इसे सार्वजनिक कर दिया है और सभी को अपनी आंखें खोलनी चाहिए', यह कहते हुए कि यह ‘ऑर्गनाइजर’ के लेख के संदर्भ में है, जिसे बाद में शायद हटा दिया गया.
वक्फ कानून को लेकर कोर्ट जाएंगे उद्धव ठाकरे?
जब उनसे पूछा गया कि क्या विपक्षी दलों की तरह उनकी पार्टी - शिवसेना (यूबीटी) भी वक्फ कानून को लेकर कोर्ट जाएगी तो उद्धव ठाकरे ने इससे इनकार कर दिया.
संजय राउत का बीजेपी पर हमला
शिव सेना (यूबीटी) के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने वक्फ कानून को लेकर बीजेपी पर हमला बोला है. संजय ने आरोप लगाया है कि सारी वक्फ की जमीनों को बीजेपी उद्योगपति मित्रों को दे देगी. बीजेपी को गरीबों के हक के बारे में बोलने का कोई हक नहीं है. बीजेपी ने पिछले विधानसभा चुनाव में जितने पैसे खर्च किए हैं, उतना तो महाराष्ट्र का पूरा बजट था.
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जितेन्द्र आव्हाड ने क्या किया दावा?
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अल्पसंख्यक) के नेता जितेंद्र आव्हाड ने दावा किया है कि मुसलमानों के बाद अब ईसाईयों की बारी है. एक्स पर पोस्ट करते हुए जितेंद्र ने लिखा, 'आरएसएस के मुखपत्र "ऑर्गनाइजर" में दावा किया है कि पूरे देश में सबसे ज़्यादा जमीन का मालिक वक्फ बोर्ड नहीं, बल्कि कैथोलिक चर्च के पास है'.
जितेंद्र ने बताया कि ऑर्गनाइजर में 3 अप्रैल को 'भारत में किसके पास ज़्यादा जमीन है? कैथोलिक चर्च बनाम वक्फ बोर्ड बहस' शीर्षक से एक लेख छपी. जितेंद्र ने दावा किया कि इस लेख में यह भी कहा गया है कि कैथोलिक चर्च के पास भारत में लगभग 17.29 करोड़ एकड़ (7 करोड़ हेक्टेयर) जमीन है. आजादी के पहले अंग्रेजों के शासन के दौरान बड़े पैमाने पर जमीन चर्च को दे दिए गए थे. ब्रिटिश राज में 1927 में इंडियन चर्च एक्ट के तहत चर्च को जमीन दिए गए. आव्हाड ने आरोप लगाया कि 'ऑर्गनाइजर' ने 1950 में संविधान और भारतीय तिरंगे का विरोध किया था.