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सामना ने बीजेपी पर साधा निशाना, कहा- शरजील को हथकड़ी लगेगी, निश्चिंत रहो!

किसान आंदोलन को लेकर बीजेपी पर हमला करते सामना ने कहा, 'हिंदुत्व रास्ते पर आ चुका है क्या, उनका यह सवाल सही है पर शिवाजी महाराज के महाराष्ट्र में तो बिल्कुल नहीं. लेकिन दिल्ली की सीमा पर हजारों किसान सड़कों पर पड़े हुए हैं. वे सारे किसान हिंदू ही हैं. उन हिंदू और सिख किसानों को सम्मान से घर वापस कब भेजोगे, यह बताओ.'

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सामना का दावा- शरजील को हथकड़ी लगेगी (फाइल)
सामना का दावा- शरजील को हथकड़ी लगेगी (फाइल)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 'शरजील को महाराष्ट्र को सौंपने की जिम्मेदारी योगी सरकार की भी'
  • शरजील को लेकर इतनी हाय-तौबा मचाने की जरूरत नहींः सामना
  • 30 जनवरी को एल्गार की बैठक में उस्मान ने दिया भड़काऊ भाषण

पिछले महीने पुणे में एल्गार परिषद में एएमयू के पूर्व छात्र शरजील उस्मानी ने भारत और हिंदू धर्म के खिलाफ उकसाने वाले भाषण दिया जिसके खिलाफ कार्रवाई को लेकर महाराष्ट्र में राजनीति तेज हो गई है. एक्शन की मांग कर रही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर राज्य में सत्तारुढ़ शिवसेना के मुखपत्र सामना ने संपादकीय में कहा कि शरजील को हथकड़ी लगेगी. निश्चिंत रहो.

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) के पूर्व छात्र नेता शरजील उस्मानी के खिलाफ अभी IPC की धारा 153-ए के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. उस्मानी पर पुणे के स्वारगेट पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है. उस्मानी पर भारत और हिंदू समाज के खिलाफ उकसाने वाले और भड़काऊ भाषण देने को आरोप है. 30 जनवरी को पुणे में एल्गार परिषद की बैठक आयोजित की गई थी. 

सामना अपने संपादकीय में लिखता है, 'किसी शरजील उस्मानी नामक लंपट ने महाराष्ट्र में आकर कुछ बकवास की है. हिंदुत्व के नाम पर उसने जिस भाषा का प्रयोग किया है, वो महाराष्ट्र सहन नहीं करेगा. ‘एल्गार’ नामक एक टोली पुणे में इकट्ठा की जाती है, उसके मंच से भड़काने का काम किया जाता है नाम एल्गार, लेकिन काम हिंदुत्वविरोधी पिपहरी बजाना. वहां कोई शरजील उस्मानी नामक युवक आया और उसने इस विषय पर प्रवचन झाड़ा कि हमारे देश का हिंदुत्व कैसे सड़ चुका है, इस पर बीजेपी ने अब बोलना शुरू किया है. उन्होंने कहा है कि हिंदुत्व के लिए हम सड़कों पर उतरेंगे.'

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'क्या हिंदुत्व रास्ते पर आ चुका'

सामना के अनुसार, उस्मानी ने जो कुछ कहा है वह गंभीर है. विरोधी दल के नेता देवेंद्र फडणवीस ने अंतड़ियों को मरोड़ने वाला सवाल किया है कि क्या हिंदुत्व रास्ते पर आ चुका है. विरोधी दल के नेता चिल्लाकर कहते हैं, 'एक युवक राज्य में आता है, छाती ठोंककर हिंदुत्व पर छींटाकशी करता है और चला जाता है. उस पर कोई कार्रवाई नहीं होती. यह बात आश्चर्यजनक है और समूचे राज्य की चिंता बढ़ाने वाला तथा सबका सिर शर्म से झुका देनेवाला है.' फडणवीस का कहना है कि शरजील को पकड़कर महाराष्ट्र में लाओ. शाबाश देंवेद्र जी! आपने सरकार के ‘मन की बात’ व्यक्त कर दी.'

सामना ने आगे लिखा, 'शरजील को घसीटकर यहां लाकर उस पर कठोर कार्रवाई करने की इच्छा सबकी है, लेकिन इतनी हाय-तौबा मचाने की आवश्यकता नहीं है.'

किसान आंदोलन को लेकर बीजेपी पर हमला करते सामना ने कहा, 'हिंदुत्व रास्ते पर आ चुका है क्या, उनका यह सवाल सही है पर छत्रपति शिवाजी महाराज के महाराष्ट्र में तो बिल्कुल नहीं. लेकिन दिल्ली की सीमा पर हजारों किसान गत 90 दिनों से सड़कों पर पड़े हुए हैं. वे सारे किसान हिंदू ही हैं. उन हिंदू और सिख किसानों को सम्मान से घर वापस कब भेजोगे, यह बताओ.' 'रास्ते पर आया किसान अपने अधिकार की लड़ाई लड़ रहा है. अब उनका पानी और बिजली का कनेक्शन काट दिया गया. उनके सामने कीलें बिछा दी गईं. इसे समस्त हिंदू किसानों का सम्मान कहा जाय क्या? इन किसानों ने तो कोई अपराध नहीं किया है.'

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आयोजकों पर भी हो कार्रवाई
सामना लिखता है, 'सबसे पहले तो पुणे में हिंदुत्व पर छींटाकशी करने वाले शरजील को पुणे में आमंत्रित करने वालों पर कठोर कार्रवाई करनी चाहिए. एल्गार परिषद के माध्यम से शरजील जैसे कमअक्ल लोगों को पुणे में बुलाकर माहौल खराब करना, यही उनकी दुकानदारी है. शरजील जैसे लोगों के मजाक उड़ाने से हिंदुत्व का तेज कम नहीं होगा. महाराष्ट्र में शिवसेना है ही. सरकार के सूत्रधार ठाकरे हैं. इसलिए कानून और हाथ में डंडा भी है.'

'हिंदुत्व पर किसी भी प्रकार का हमला कोई सहन नहीं करेगा, लेकिन सवाल यह है कि शरजील जैसे हिंदुत्वद्रोही गंदगी का उद्गम होता कहां से है? उसके सूत्र आखिरकार योगी राज्य से जुड़ते हैं. यह शरजील भी अब भागकर उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में छिप गया है. महाराष्ट्र की पुलिस अलीगढ़ जाकर इस शरजील की धरपकड़ करेगी ही, लेकिन हिंदुत्वविरोधियों की फैक्ट्री उत्तर में है और वहां तैयार हुआ माल देशभर में जाता रहता है.'

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'हिंदुत्व विरोधी लोगों पर महाराष्ट्र दबिश देगा ही. लेकिन थोड़ी-सी जिम्मेदारी योगी राज्य की भी है. उस भाग कर छिपे शरजील को महाराष्ट्र पुलिस के हवाले करने की जिम्मेदारी उनकी है और इस काम में कोई हस्तक्षेप न करे क्योंकि महाराष्ट्र किसी आरोपी पर कार्रवाई करता है और अन्य राज्य के बीजेपी शासक उन आरोपियों को विशेष सुरक्षा कवच मुहैया कराते हैं, ऐसा अब बार-बार होने लगा है. इसीलिए आशंका भी है कि कहीं शरजील को भी विशेष सुरक्षा तो नहीं मिलेगी! शरजील जैसे कई आए और गए.'

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सामना ने कहा, 'महाराष्ट्र में हिंदुत्व का एक पत्ता भी नहीं हिला पाए. समस्त हिंदू समाज को अपमानित करना सेक्युलरवाद का धंधा मतलब समाज पर लगा कलंक है. शरजील अलीगढ़ के बिल में ही क्या, पाताल में भी छिपा हो तो उसे खींचकर लाने की हिम्मत महाराष्ट्र पुलिस में है. क्या यह बात फडणवीस को पता नहीं है? कल तक वे भी सत्ताधीश थे. उनके मन में तो महाराष्ट्र पुलिस की क्षमता को लेकर आशंका नहीं होनी चाहिए. शरजील को हथकड़ी लगेगी ही. निश्चिंत रहो!'

किसानों के आंदोलन पर बीजेपी पर निशाना साधते हुए सामना ने कहा, 'ठाकरे राज में हिंदुत्व ही नहीं बल्कि समाज का हर तबका सुरक्षित है. लेकिन रास्ते पर तीन महीने से लड़ रहे हिंदू किसानों को सहारा दो, यह भी बहुत हो गया!'

 

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