मुंबई शहर की यातायात रचना में लोकल ट्रेन, बेस्ट बस और काली पीली टैक्सी का सबसे मुख्य योगदान रहा है. मुंबई में पिछले कई दशक से लोगों के लिए आकर्षण का केन्द्र रही मुंबई की प्रीमियम पद्मिनी टैक्सी अब सड़कों पर नहीं दिखेगी.
मुंबई की प्रतिष्ठित प्रीमियर पद्मिनी जो की काली पीली टैक्सी के नाम से भी जानी जाती है, छह दशकों की सेवा के बाद आज इन टैक्सीयों को सेवा मुक्त कर दिया जाएगा. आज मुंबई की सड़क पर यह गाड़ी आखरी बार पैसेंजर को अपने अपने निर्धारित स्थानों पर पहुंचाएगी.
मुंबई शहर में गाड़ी की आयु सीमा 20 वर्ष तक निर्धारित किया गया और इसके अन्तर्गत अब इन गाड़ियों को बंद करने का निर्णय लिया गया है. मुंबई में चलने वाली प्रीमियम पद्मिनी टैक्सी मुंबई का एक महत्वपूर्ण इतिहास भी बयान करती है. मुंबई में आने वाले हर टूरिस्ट के लिए प्रीमियम पद्मिनी टैक्सी में बैठना एक बड़ा आकर्षण होता था.
प्रीमियर पद्मिनी दिया गया नाम
मुंबई में प्रीमियम पद्मिनी टैक्सी का साल 1964 में 'फ़िएट-1100 टूर डिलाइट' मॉडल के साथ शुरुआत हुई थी. जो माउंटेड गियर शिफ्टर वाली 1200-सीसी की गाड़ी थी. 1970 के दशक में, इस मॉडल को प्रसिद्ध भारतीय रानी पद्मिनी के नाम पर प्रीमियर प्रेसिडेंट के नाम से जाना जाता था और बाद में प्रीमियर पद्मिनी नाम दिया गया था.
मुंबई के प्रभादिवी इलाक़े में रहने वाले अब्दुल करीम करेसकर वो आख़िरी व्यक्ति हैं जिनके पास मुंबई की आख़री प्रीमियर पद्मिनी गाड़ी है, वह कहते हैं कि मैंने और मेरी गाड़ी ने ज़िंदगी में बेहद अधिक उतर चढ़ाव देखे हैं. हम साथ साथ जिंदगी में आगे बढ़े और मुंबई को बदलते हुए देखा. आज मुंबई की सड़क पर इसका आख़री दिन है और मैं इस बात से बेहद दुःखी हूं.