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ऑपरेशन सिंदूर की बहादुरी को समर्पित मुंबई का नया ब्रिज, नाम होगा 'सिंदूर'

मुंबई में कार्नाक ब्रिज का 154 साल पुराने स्ट्रक्चर की जगह नया पुल बनकर तैयार है, जिसका नाम ‘सिंदूर’ रखा गया. यह ब्रिज ऑपरेशन सिंदूर को समर्पित है, जो पाकिस्तान के खिलाफ पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार की सख्त कार्रवाई थी. पुराने पुल के असुरक्षित पाए जाने पर इसे नवंबर 2022 में ध्वस्त किया गया था.

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ऑपरेशन सिंदूर की बहादुरी को समर्पित मुंबई का ये ब्रिज
ऑपरेशन सिंदूर की बहादुरी को समर्पित मुंबई का ये ब्रिज

Mumbai Sindoor Bridge: महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में जल्द ही एक नया ब्रिज लोगों के यातायात के लिए खोला जाएगा, जिसे ‘सिंदूर’ नाम दिया गया है. यह ब्रिज पुराने 154 साल पुराने कर्नाक ब्रिज की जगह बनाया गया है, जिसे नवंबर 2022 में असुरक्षित पाए जाने के बाद गिरा दिया गया था.

नई बात यह है कि इस ब्रिज को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के सम्मान में नामित किया गया है — वो ऑपरेशन जिसमें भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई की थी. ये पुल अब सिर्फ एक कंक्रीट की स्ट्रक्चर नहीं, बल्कि भारत के साहस और आतंकवाद के खिलाफ उसकी लड़ाई का प्रतीक होगा.

यह नया ब्रिज न सिर्फ तकनीकी रूप से मजबूत और टिकाऊ है, बल्कि मुंबई की जनता के लिए सुरक्षा और भरोसे का नया प्रतीक भी बन गया है. शहर की व्यस्त सड़कों को जोड़ने वाला यह पुल, आधुनिकता और देशभक्ति का संगम कहलाएगा.

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mumbai sindoor bridge
'सिंदूर' के नाम से जाना जाएगा मुंबई का प्रतिष्ठित ये ब्रिज

इस प्रकार, मुंबई का यह नया ब्रिज न केवल एक यातायात मार्ग है, बल्कि देशभक्ति और साहस की मिसाल भी है, जिसे ऑपरेशन सिंदूर के सम्मान में नाम दिया गया है. यह ब्रिज मुंबई की ऐतिहासिक धरोहर में एक नया अध्याय जोड़ने वाला है.

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स्जिद रेलवे स्टेशन से कुछ ही दूरी पर स्थित और पी.डी. मेलो रोड को जोड़ने वाला 'सिंदूर' फ्लाईओवर (पूर्व में कर्नाक ब्रिज) अब पूरी तरह तैयार है और इसका उद्घाटन गुरुवार, 10 जुलाई को सुबह 10 बजे किया जाएगा. इस मौके पर मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री श्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री श्री अजितदादा पवार और विधानसभा अध्यक्ष एडवोकेट राहुल नार्वेकर विशेष रूप से मौजूद रहेंगे,

क्या है ऑपरेशन सिंदूर?

22 अप्रैल को पाकिस्तान के आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम इलाके में आतंकी हमला किया. इस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की मौत हो गई. इस हमले के जवाब में भारत सरकार और सुरक्षा एजेंसियों ने एक विशेष सैन्य अभियान शुरू किया, जिसे "ऑपरेशन सिंदूर" नाम दिया गया.

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ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य आतंकवादियों के गढ़ को समाप्त कर प्रदेश में शांति और सुरक्षा बहाल करना था. यह अभियान जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ भारत की निर्णायक कार्रवाई का प्रतीक माना जा रहा है. "सिंदूर" नाम का चयन भारतीय संस्कृति में रंग और शक्ति का प्रतीक होने के कारण किया गया है, जो इस अभियान की गंभीरता और प्रतिबद्धता को दर्शाता है.

ऑपरेशन सिंदूर ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की सख्त नीति और क्षेत्र में स्थिरता के लिए उसकी प्रतिबद्धता को स्पष्ट कर दिया है. यह अभियान पाकिस्तान में बैठे आतंकवादी संगठनों को साफ संदेश देता है कि भारत अपनी संप्रभुता और नागरिक सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगा.

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