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'मंत्री ना बनाया तो पत्नी कर लेगी सुसाइड', शिवसेना विधायकों ने किया CM को ब्लैकमेल, MLA का दावा

महाराष्ट्र में शिवसेना विधायक भरत गोगावले ने एकनाथ शिंदे सरकार के पहले कैबिनेट विस्तार को लेकर एक बड़ा दावा किया है. गोगावले ने सियासी परदे के पीछे की पूरी कहानी बताते हुए कहा कि पहले कैबिनेट विस्तार के दौरान सीएम शिंदे को विधायकों ने ब्लैकमेल तक किया था.

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शिवसेना विधायक भरत गोगावले
शिवसेना विधायक भरत गोगावले

महाराष्ट्र में कैबिनेट विस्तार में देरी के बीच सीएम एकनाथ शिंदे वाली शिवसेना के एक विधायक भरतशेठ गोगावले ने बड़ा खुलासा किया है. गोगावले ने कहा कि मंत्री बनने के लिए कुछ विधायकों द्वारा कई तरह के हथकंडे अपनाए गए. रायगढ़ में एक राजनीतिक कार्यक्रम के दौरान गोगावले ने दावा किया कि कुछ विधायकों ने कैबिनेट में जगह पाने के लिए सीएम एकनाथ शिंदे को ब्लैकमेल किया था.

विधायकों ने दी थी ये धमकियां!

अपने भाषण में उन्होंने कहा कि मैं मंत्री पद की रेस में शामिल था लेकिन जब सीएम के सामने मुश्किलें आने लगी तो मैं पीछे हट गया क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि हमारे मुख्यमंत्री किसी मुसीबत में फंसें. उन्होंने कहा कि एक विधायक ने आकर कहा कि अगर वह मंत्री नहीं बनेंगे तो उनकी पत्नी आत्महत्या कर लेंगी. दूसरे ने कहा कि अगर वह मंत्री नहीं बने तो नारायण राणे मेरी राजनीति ही खत्म कर देंगे. वहीं एक और विधायक ने धमकी दी कि जब शपथ ग्रहण समारोह ख़त्म होगा तो वह उसी समय इस्तीफ़ा दे देगा.

तानाजी मालुसुरे का किया जिक्र

बाद में एक भाषण में, गोगावले ने एक ऐतिहासिक कहानी का जिक्र किया कि कैसे छत्रपति शिवाजी महाराज का संकट के दौरान उनके मावला (सैनिक) तानाजी मालुसुरे ने बचाव किया था. उन्होंने दिखाया कि कैसे कोंडाना किला तानाजी मालुसुरे ने जीता था. गोगावले ने दावा किया कि जिस तरह से मालुसुरे ने अपने राजा की खातिर किले पर कब्ज़ा करने के लिए लड़ने का फैसला किया, ठीक उसी तरह उन्होंने मंत्री बनने के लिए खुद की कुर्सी की कुर्बानी दे दी.. उन्होंने कहा कि जबकि एक हफ्ते बाद ही उनके बेटे की शादी थी.  

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इंतजार कर रहे हैं गोगावले

उन्होंने आगे खुलासा किया कि शपथ ग्रहण से एक दिन पहले सीएम शिंदे और उन्होंने प्रत्येक विधायक को हालात को समझने के लिए बुलाया था. उन्होंने संभाजीनगर के एक विधायक को फोन किया और कहा कि वह इतनी जल्दी में क्यों हैं? उनके जिले से दो नाम पहले ही चयनित हो चुके हैं, लेकिन उनके रायगढ़ जिले से तीन में से एक भी नाम सूची में नहीं है. वह इंतजार करने को तैयार हो गया और आश्वस्त हो गया.

हालांकि, गोगावले ने कहा कि दूसरे विधायक की पत्नी की जान बचानी है इसलिए उन्हें मंत्री बनाया गया है. साथ ही नारायण राणे के गढ़ में अपनी सीट बरकरार रखने के लिए दूसरे विधायकों को भी मंत्री बनाया गया. गोगावले ने कहा कि तब से मुझे इंतजार करने के लिए कहा गया है और मैं अभी भी अपनी बारी का इंतजार कर रहा हूं. 

 

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