पिछले कुछ दिनों से महाराष्ट्र (Maharashtra) में मराठी भाषा को लेकर जमकर विवाद हो रहा है. यह विवाद मुंबई से होता हुआ अब नागपुर तक पहुंच गया है. यहां बैंक खाते से जुड़े बीमा क्लेम के लिए हिंदी में अनुवाद किए गए एफआईआर की मांग के आरोप में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के कार्यकर्ताओं ने यूनियन बैंक में जमकर प्रदर्शन किया.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल यह पूरा मामला एफआईआर से जुड़ा है. एक सड़क हादसे में योगेश बोपचे नाम के युवक की मौत हो गई थी. इसके बाद परिवार बीमा क्लेम के लिए बैंक पहुंचा. परिवार का आरोप है कि बैंक ने एफआईआर का हिंदी अनुवाद मांगा. इसी बात को लेकर विवाद शुरू हो गया. इसके बाद पीड़ित परिवार मनसे पार्टी के नेताओं के पास पहुंचा और मामला तूल पकड़ता चला गया. मनसे के कार्यकर्ता पीड़ित परिवार के साथ बैंक पहुंचे और जमकर हंगामा किया.
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बैंक ने क्या कहा?
यूनियन बैंक की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक, बीमा कंपनी का मुख्यालय कोलकाता में है, इसलिए वहां के अधिकारी मराठी भाषा नहीं समझते. इसी वजह से क्लेम फॉर्म के साथ एफआईआर का हिंदी में अनुवाद भेजना जरूरी होता है. योगेश बोपचे के मामले में भी इसी वजह से हिंदी अनुवाद मांगा गया था.
बैंक की माफी और पुलिस की कार्रवाई
बैंक पहुंचकर मनसे कार्यकर्ताओं द्वारा हंगामा करने के बाद, यूनियन बैंक ने मनसे और बोपचे परिवार से माफी मांगी. पुलिस ने बैंक में प्रदर्शन करने वाले मनसे के सभी कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर कार्रवाई की है.