महाराष्ट्र के लातूर में बीजेपी और एनसीपी के बीच होने वाला महायुति गठबंधन 15 जनवरी को होने वाले नगर निगम चुनाव से ठीक पहले टूट गया है. बीजेपी के लातूर चुनाव प्रभारी और विधायक संभाजीराव पाटिल निलंगेकर ने मंगलवार को नामांकन के आखिरी दिन ऐलान किया कि पार्टी अब सभी 70 सीटों पर स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ेगी.
बीजेपी ने एनसीपी के साथ गठबंधन बनाने के लिए कोशिशें की थीं. जिले के सीनियर एनसीपी नेताओं की इच्छा के बावजूद निचले स्तर के पदाधिकारियों के हस्तक्षेप के कारण यह गठबंधन नहीं हो पाया.
स्थानीय स्तर पर हुई इसी बाधा ने पूरी चुनावी रणनीति बदल दी है.
क्यों टूटा गठबंधन?
एजेंसी के मुताबिक, संभाजीराव पाटिल निलंगेकर ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि बीजेपी और एनसीपी के बीच बातचीत सकारात्मक दिशा में थी. उन्होंने दावा किया कि एनसीपी के जिला लेवल के सीनियर नेता साथ आने को तैयार थे.
हालांकि, दूसरे और तीसरे दर्जे के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने इस प्रक्रिया में अड़ंगे डाले. इसी जमीनी हस्तक्षेप की वजह से गठबंधन का रास्ता बंद हो गया. निलंगेकर ने साफ किया कि बीजेपी अब किसी अन्य दल के भरोसे रहने के बजाय अपनी ताकत पर चुनावी मैदान में उतरेगी.
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अब क्या होगी बीजेपी की रणनीति?
मंगलवार को नामांकन का आखिरी दिन होने की वजह से बीजेपी ने अपनी रणनीति साफ कर दी. लातूर नगर निगम की सभी 70 सीटों पर पार्टी के उम्मीदवार स्वतंत्र रूप से मुकाबला करेंगे. बीजेपी अब अकेले दम पर जनता के बीच जाएगी और अपना चुनावी अभियान तेज करेगी. लातूर में महायुति का यह बिखराव आगामी चुनावों में राजनीतिक समीकरणों को दिलचस्प बना सकता है. 15 जनवरी को होने वाले मतदान के लिए अब बीजेपी ने पूरी तैयारी कर ली है और अकेले लड़ने का संकल्प दोहराया है.