बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को भ्रष्टाचार के एक मामले में जमानत दे दी है. इस मामले की जांच सीबीआई कर रही थी. जानकारी के मुताबिक जैसे ही जस्टिस एमएस कार्णिक ने अपना फैसला सुनाया. वैसे ही परिवार के एक सदस्य ने उत्साहित होकर जश्न मनाया.
अनिल देशमुख की जमानत याचिका पर सोमवार को सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति कार्णिक ने कहा कि CBI की मांग है कि इस मामले में एक हफ्ते का स्टे दिया जाए. जैसा कि ईडी के मामले में जस्टिस जमादार ने दिया था. वहीं वकील ठक्कर ने मांग की कि हमारा कोर्ट से निवेदन है कि प्लीज इस ऑर्डर को 10 दिन बाद लागू किया जाए.
न्यायमूर्ति कार्णिक ने कहा कि जमानत आदेश 10 दिन बाद प्रभावी होगा क्योंकि अदालत आज रात ही आदेश अपलोड करेगी. हालांकि वकील अनिकेत निकम और इंद्रपाल सिंह ने अनिल देशमुख की जमानत का विरोध किया. सुनवाई के दौरान अनिकेत निकम ने कहा कि हम जमानत का विरोध करते हैं. वहीं न्यायमूर्ति कार्णिक ने कहा कि मेरे आदेश को चुनौती दें.
न्यायमूर्ति कार्णिक की एकल बेंच ने इस मामले में दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद पिछले सप्ताह जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था. वहीं सोमवार को जैसे ही जज कार्णिक ने फैसला सुनाया, वैसे ही परिवार का एक सदस्य ने खुशी से उछलते हुए कहा-YES.
क्या है मामला
पिछले साल मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने आरोप लगाया था कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री रहते हुए अनिल देशमुख ने एपीआई सचिन वाजे को ऑर्केस्ट्रा बार से हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली करने के आदेश दिए थे. इस मामले की जांच CBI कर रही है. बाद में ED ने भी इसकी जांच शुरू की. ED को जांच में मिला कि गृह मंत्री रहते हुए देशमुख ने अपने पद का दुरुपयोग किया और मंबई के ऑर्केस्ट्रा बार से 4.70 करोड़ रुपये की वसूली की. बाद में इस पैसे को उनके बेटे ऋषिकेश देशमुख ने दिल्ली की एक शेल कंपनी को कैश के रूप में ट्रांसफर किए.
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