हाल ही में महाराष्ट्र में एक वायरल वीडियो के आधार पर कई लोगों ने एक बड़ा आरोप लगाया है. इस वीडियो में एक हैकर यह दावा करता नजर आ रहा है कि वह इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) को हैक कर सकता है और परिणाम को कुछ राजनीतिक दलों के पक्ष में कर सकता है. इस वीडियो को कई लोगों और कुछ राजनीतिक नेताओं द्वारा भी शेयर किया गया है.
यह वीडियो 'इंडिया टुडे स्पेशल इंवेस्टिगेशन स्टोरी' का हिस्सा है, जहां इंडिया टुडे के रिपोर्टर्स ने एक वरिष्ठ सांसद के लिए काम कर रहे अंडरकवर अधिकारियों के रूप में एक स्टिंग ऑपरेशन किया. इस स्टोरी में अमेरिकी हैकर सैयद शुजा ने दावा किया था कि वह अमेरिकी रक्षा विभाग की तकनीक का इस्तेमाल कर EVM को हैक कर सकता है और इसके लिए उसने 54 करोड़ रुपये की मांग भी की थी.
महाराष्ट्र चुनाव ऑफिस ने किया खंडन
महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एक बयान जारी किया है. एक सोशल मीडिया पोस्ट में आयोग की तरफ से कहा गया है कि यह दावे बिल्कुल निराधार, झूठे और अप्रमाणित हैं. मुंबई साइबर पुलिस ने इस वीडियो में दिखाए गए शख्स के खिलाफ FIR दर्ज की है.
ईवीएम टैंपरप्रूफ हैं, नेटवर्क से नहीं जोड़ा जा सकता!
FIR भारत न्याय संहिता, 2023 की धारा 318/4 और आईटी एक्ट, 2000 की धारा 43 (ग) और धारा 66 (घ) के तहत दर्ज की गई है. चुनाव आयोग का कहना है कि EVM पूरी तरह से टैंपरप्रूफ हैं और इन्हें किसी भी नेटवर्क से नहीं जोड़ा जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने भी कई बार EVM पर विश्वास जताया है.
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2019 में भी शख्स पर दर्ज हुआ एफआईआर
भारतीय चुनाव आयोग ने ईवीएम पर किसी भी संदेह और मिथक को दूर करने के लिए अपनी वेबसाइट पर विस्तार से FAQ भी प्रकाशित किए हैं. झूठे दावों से जुड़ी एक ऐसी ही घटना में, चुनाव आयोग के निर्देश पर 2019 में दिल्ली में उसी शख्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी जो किसी दूसरे देश में छिपा हुआ है.