महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले में बाघ के हमलों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. ताजा मामला मुल तहसील के करवन गांव से सामने आया है, जहां एक दर्दनाक घटना में बाघ ने हमला कर एक बुज़ुर्ग किसान की जान ले ली, जबकि उसे बचाने की कोशिश में उसका भतीजा गंभीर रूप से घायल हो गया.
मंगलवार सुबह करवन गांव के 5 लोग रोज की तरह गांव के पास के खेतों में गाय-भैंस चराने के लिए गए थे. इसी दौरान खेत के पास झाड़ियों में छिपे एक बाघ ने अचानक हमला कर दिया. बाघ ने सबसे पहले 55 साल के बंडू परशुराम उराडे पर हमला किया, उन्हें बचाने की कोशिश में उनका भतीजा 35 साल का किशोर मधुकर उराडे भी बाघ के पंजों की चपेट में आ गया और गंभीर रूप से घायल हो गया. घायल किशोर को तुरंत मूल उपजिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसका इलाज चल रहा है. वहीं बंडू उराडे की मौके पर ही मौत हो गई.
घटना के बाद गांव में भारी तनाव का माहौल बन गया है. गांववालों ने मृतक का शव उठाने से इनकार कर दिया है और वन विभाग के खिलाफ नाराजगी जताई है. मौके पर भारी भीड़ जमा हो गई है और लोग वन विभाग से तत्काल मुआवजे और बाघ को पकड़े जाने की मांग कर रहे हैं. अब तक तेन्दु पत्ता दौड़ने जंगल में गए लोगों के हमले हो रहे थे लेकिन अब खेत में मवेशियों को चराने ले गए दोनों पर बाघ ने हमला किया है. पिछले 13 दिनों में बाघों के हमलों में 9 लोगों की मौत हो चुकी है. 2 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं.
10 मई को हुई घटना में 65 साल की कांता बुधाजी चौधरी, 28 साल की शुभांगी मनोज चौधरी और 50 साल की रेखा शालिक शेंडे की मौत हुई थी. ये सभी मृतक सिंदेवाहि तहसील के मेंढा-माल गांव की ही निवासी थीं और इनमें सास-बहू भी शामिल हैं. 11 मई की घटना में 65 साल की विमला बुधा डोंडे की दर्दनाक मौत हुई है, जो की मूल तहसील के महादवाड़ी गांव की रहने वाली थी , तो 12 मई को 28 साल की भूमिका दीपक भेंदारे जो की मूल तहसील के भादूरणा गांव की निवासी थी की मौत हुई है. वही बुधवार 14 मई को कचराबाई अरुण भरणडे जो की चिमूर तहसील के करबड़ा गांव की है. फिर 18 मई को दो लोगों को बाघ ने अपना निवाला बनाया जिसमें नागभीड़ और दूसरे 63 साल के मारुति शेंडे थे. मूल तहसील के भादूर्णी गांव के 70 वर्षीय ऋषी पेंदोर की भी बाघ के हमले में मौत हो गई, और आज 22 मई बाघ के हमले में एक और की जान गई है.