लोकसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी (MVA) के शानदार प्रदर्शन के बाद अब महाराष्ट्र कांग्रेस ने आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर कमर कस ली है. राज्य में आगामी चुनाव को लेकर मुंबई में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के महासचिव केसी वेणुगोपाल और महाराष्ट्र चुनाव प्रभारी रमेश चेनिथला की मौजूदगी में महाराष्ट्र कांग्रेस कोर कमेटी के सदस्यों, विधायकों और सांसदों के बीच एक बैठक सोमवार को हुई.
सहयोगी दलों के दबाव में न आने की हिदायत
सूत्रों के अनुसार, इस मीटिंग में कांग्रेस के बड़े नेताओं ने स्पष्ट किया है कि विधानसभा चुनाव में सीट के बंटवारे के वक्त किसी भी तरह की ढील नहीं दी जानी चाहिए.केंद्रीय नेताओं ने कोर कमेटी से पार्टी के लिए अधिक से अधिक सीटों पर दावा करने को कहा है. उन्होंने कहा कि जिस भी सीट पर कार्यकर्ताओं को जीत का भरोसा है वहां हमें जरूर दावा करना चाहिए. मीटिंग में फैसला हुआ है कि राज्य के नेताओं को सहयोगी दलों के किसी भी दबाव के आगे नहीं झुकना चाहिए.
सूत्रों ने बताया कि केसी वेणुगोपाल ने राज्य के नेताओं को आश्वासन दिया है कि एमवीए सहयोगियों की मांग पर सीट आवंटन में केंद्रीय समिति की ओर से कोई हस्तक्षेप या दबाव नहीं डाला जाएगा.चर्चा है कि कांग्रेस गठबंधन में 288 में से लगभग 125 सीटें जीतने का लक्ष्य रखेगी. इस मीटिंग में हाल ही में हुए एमएलसी चुनाव में क्रॉस वोटिंग के मामले को भी गंभीरता से लिया गया है. बैठक में के सी वेणुगोपाल ने स्पष्ट किया कि पार्टी ने सात नामों की पहचान की है जिन्होंने क्रॉस वोटिंग की है और जल्द ही उनपर एक्शन लिया जाएगा.
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इस रणनीति पर हुई चर्चा
इस बैठक में फैसला लिया गया है कि महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता महायुति गठबंधन के खिलाफ एकजुट होकर मोर्चा खोलेंगे. साथ ही फैसला लिया गया कि महाराष्ट्र कांग्रेस ग्रामीण संकट, किसानों के मुद्दे, कानून-व्यवस्था और बेरोजगारी के मुद्दों को लेकर राज्य सरकार पर आक्रामक तरीके से सवाल उठाएगी और इन्हीं मुद्दों को लेकर वह जनता के सामने भी जाएगी.
भी फैसला लिया गया कि महायुति के भ्रष्टाचार और कुशासन को उजागर करने के लिए ऑन-ग्राउंड और सोशल मीडिया अभियानों की सीरीज शुरू की जाएगी.सोशल मीडिया के जरिए तमाम मुद्दों को उठाया जाएगा और ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस अभियान से जोड़ा जाएगा. ये भी फैसला लिया गया है कि अगले हफ्ते से कांग्रेस कैडर को सक्रिय करने के लिए जिला स्तर से लेकर बूथ स्तर तक गतिविधियां शुरू की जाएंगी.
2019 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी और अविभाजित शिवसेना ने गठबंधन कर चुनाव लड़ा था. बीजेपी को 105 सीटों पर जीत मिली थी जबकि शिवसेना ने 56 सीटें जीतीं थीं. वहीं, एनसीपी को 54 सीटों पर कामयाबी मिली थी, जबकि कांग्रेस ने 44 सीटें जीती थीं.