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Mumbai: नारायण राणे के लिए सिर दर्द बना जुहू का बंगला, अब DM ने जारी किया कारण बताओ नोटिस

केंद्रयी मंत्री नारायण राणे को इससे पहले भी बंगले के संबंध में मार्च में नोटिस जारी किया गया था. हालांकि जब वह हाई कोर्ट पहुंच गए तो महाराष्ट्र सरकार ने बंगला गिराने का आदेश वापस ले लिया था. अब दो महीने के भीतर मंत्री को बंगले को लेकर फिर नोटिस जारी कर दिया गया है.

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मुंबई उपनगर जिलाधिकारी ने जारी किया है नोटिस (फाइल फोटो)
मुंबई उपनगर जिलाधिकारी ने जारी किया है नोटिस (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 10 जून को होगी पेशी, न आने पर कार्रवाई की चेतावनी
  • मंजूर की गई जगह से ज्यादा निर्माण कराने का है आरोप

केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को उनके मुंबई के जुहू स्थित बंगले 'आदिश' के लिए फिर से कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. इस नोटिस  तटीय नियमन जोन (सीआरजेड) के उल्लंघन के मामले में जारी किया गया है. नोटिस के तहत बंगले के निर्माण में मंजूर फ्लोर स्पेस इंडेक्स (एफएसआई) से ज्यादा का निर्माण किया गया है. उन्हें इस मामले में 10 जून सुबह 11 बजे मुंबई उपनगर जिलाधिकारी के सामने हाजिर होने के लिए कहा गया है.

पेश न होने पर कार्रवाई की चेतावनी

नोटिस में यह भी कहा गया है कि अगर वह इस मामले में पेश नहीं होंगे तो उचित कार्रवाई की जाएगी. यह नोटिस 24 मई को जारी किया गया है. महाराष्ट्र कोस्टल जोन मैनेजमेंट के सचिव और पर्यावरण डायरेक्ट की शिकायत पर यह कार्रवाई की गई है. इससे पहले बीएमसी भी राणे के बंगले में अवैध निर्माण का दावा करते हुए तोड़ने की कार्रवाई का नोटिस दे चुकी है.

1461 वर्ग मीटर ज्यादा निर्माण करने का आरोप

नोटिस के मुताबिक केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की ओर से 11 जुलाई 2007 को एफएसआई की मंजूरी दी गई थी, जिसके मुताबिक बीएमसी ने 2810.80 वर्ग मीटर की एफएसआई की मंजूरी दी.

बीएमसी की जांच रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि बंगले में 4272.41 वर्ग मीटर का निर्माण कर लिया गया यानी नियमों का उल्लंघन करते हुए 1461.61 वर्ग मीटर ज्यादा निर्माण कर दिया गया. नोटिस के मुताबिक जिला स्तरीय तटीय प्रबंधन समिति की 17 मई को हुई बैठक में नियमों के उल्लंघन पर चर्चा के बाद कारण बताओ नोटिस जारी करने का फैसला किया गया. 

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आर्टलाइन कंपनी के नाम पर भेजा है नोटिस

जिलाधिकारी ने नोटिस मेसर्स आर्टलाइन प्रापर्टीज प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर जारी किया है. इससे पहले भी सरकार ने बंगला गिराने के संबंध में इसी कंपनी के नाम से नोटिस जारी किया था. इस कंपनी का 2017 में कालका कंपनी में विलय हो गया था. यह कंपनी राणे के एक पारिवारिक सदस्य की कंपनी थी. 22 जनवरी 2013 को इसको व्यवसायिक प्रमाण पत्र जारी किया गया था.

21 मार्च को बंगला गिराने का दिया था आदेश

महाराष्ट्र सरकार ने इससे पहले 21 मार्च को नारायण राणे का बंगला गिराने का आदेश जारी किया था. हालांकि कालका रियल एस्टेट ने बंगला गिराने के आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट का दरवाया खटखटाया था, जिसके बाद सरकार ने यह आदेश वापस ले लिया था. 

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