शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने शुक्रवार को कहा कि अगर उनकी पार्टी के प्रमुख एकनाथ शिंदे उपमुख्यमंत्री का पद स्वीकार नहीं करते हैं, तो यह पद उनकी पार्टी के किसी और को दिया जाएगा. शिरसाट ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि शिंदे निश्चित रूप से केंद्रीय मंत्री के रूप में केंद्र में नहीं जाएंगे.
महाराष्ट्र चुनावों में महायुति गठबंधन के शानदार प्रदर्शन के बाद कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा है कि वह अगले सीएम के नाम के लिए भाजपा नेतृत्व के फैसले का “पूरी तरह से समर्थन” करेंगे और इस प्रक्रिया में बाधा नहीं बनेंगे.
इससे शिंदे को उपमुख्यमंत्री पद की पेशकश की संभावना और क्या वह इसे स्वीकार करेंगे, इस पर बहस शुरू हो गई है. शिरसाट ने कहा, “अगर शिंदे उपमुख्यमंत्री का पद स्वीकार नहीं करते हैं, तो हमारी पार्टी के किसी अन्य नेता को यह पद मिलेगा. वह (शिंदे) शाम तक इस पर फैसला करेंगे.”
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शिवसेना नेता बोले- शिंदे बनें अगली सरकार का हिस्सा
गुरुवार को शिवसेना नेता ने कहा कि शिंदे महाराष्ट्र की नई सरकार में उपमुख्यमंत्री का पद शायद स्वीकार नहीं करेंगे. शिरसाट के पार्टी सहयोगी और पूर्व मंत्री शंभुराज देसाई ने कहा कि उनके चुने गए विधायक और पार्टी कार्यकर्ता दृढ़ता से महसूस करते हैं कि शिंदे को नई सरकार का हिस्सा होना चाहिए.
देसाई 2022 से 2024 तक शिंदे के गढ़ ठाणे के संरक्षक मंत्री थे. शिंदे के विशाल प्रशासनिक अनुभव को देखते हुए देसाई ने कहा कि उन्हें महाराष्ट्र की अगली सरकार का हिस्सा होना चाहिए.
दिल्ली की बैठक में नहीं हो सका फैसला
शिंदे, पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस और एनसीपी प्रमुख अजीत पवार ने गुरुवार देर रात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा से मुलाकात की और महाराष्ट्र में अगली सरकार के लिए सत्ता-साझाकरण समझौते पर चर्चा की.
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बैठक के बाद शिंदे ने दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए कहा, "हम एक या दो दिन में (महाराष्ट्र के सीएम पर) फैसला लेंगे. हमने चर्चा की है और चर्चा जारी रहेगी. जब हम अंतिम फैसला लेंगे तो आपको पता चल जाएगा." 20 नवंबर को हुए महाराष्ट्र चुनाव के नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए गए थे. भाजपा ने 132 सीटें जीतीं, उसके बाद उसके सहयोगी दल शिवसेना (57) और एनसीपी (41) रहे. विपक्षी खेमे से कांग्रेस को 16 सीटें मिलीं, जबकि उसके एमवीए सहयोगी शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (एसपी) को क्रमशः 20 और 10 सीटें ही मिलीं.