महाराष्ट्र के नागपुर में सरकारी अस्पताल का डॉक्टर परिवार नियोजन (नसबंदी) के ऑपरेशन बीच में ही छोड़कर भाग गया. घटना सामने आने के बाद जिला परिषद सीईओ ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं. कमेटी का गठन किया गया है. सीईओ का कहना है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद एक्शन लिया जाएगा. साथ ही कि नसबंदी कराने आईं महिलाओं का ऑपरेशन किए गए हैं.
दरअसल, मामला मौदा तहसील अंतर्गत खात गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का है. 3 नवंबर को आठ महिलाओं का नसबंदी का ऑपेरशन होना था, जिसकी जिम्मेदारी डॉ. तेजराम भलावी को दी गई थी . उन्होंने चार महिलाओं का ऑपरेशन कर दिया था और बाकी महिलाओं को एनेस्थीसिया दिया गया था.
चाय नहीं मिली तो अस्पताल से चला गया डॉक्टर
इस दौरान डॉ. भलावी ने चाय मांगी. उन्होंने काफी देर इंतजार किया लेकिन चाय नहीं दी गई. इस बात से नाराज डॉक्टर अस्पताल से चले गए. जिन महिलाओं को एनेस्थीसिया दिया गया था. वह बेहोशी की हालत में बेड पर पड़ी रहीं. डॉक्टर के जाते ही स्वास्थ्य केंद्र में हड़कंप मच गया. जिन महिलाओं का ऑपरेशन नहीं हुआ था, उनके परिजनों ने जिला स्वास्थ्य अधिकारी से संपर्क किया और घटना की जानकारी दी. प्रशासन ने आनन-फानन में दूसरे डॉक्टर को बुलाया फिर बाकी की महिलाओं के ऑपरेशन कराए गए.
मामले में जिला परिषद की उपाध्यक्ष ने कही ये बात
मामला सामने आने पर नागपूर जिला परिषद उपाध्यक्ष कुंदा राऊत ने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में परिवार नियोजन का ऑपरेशन चल रहा था. उस ऑपरेशन के लिए रामटेक तहसील से डॉक्टर तेजराम भलावी को बुलाया गया था. उन्होंने चार ऑपरेशन किए और चार ऑपरेशन किए बिना चले ही गए.
कुंदा राऊत ने कहा कि जानकारी मिलने के बाद तुरंत ही जिला परिषद सदस्य को सूचित किया गया था. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को डॉक्टरों की दूसरी टीम भेजने का कहा गया था.
कुंदा ने कहा कि ऐसा बताया जा रहा है कि चाय नहीं मिलने की वजह से डॉ. भलावी अस्पताल से चले गए थे. मामले में हमने जांच की मांग जिला परिषद मुख्य कार्यकारी अधिकारी से की है. रिपोर्ट आने के बाद डॉक्टर पर एक्शन लिया जाएगा.
जांच के लिए गठित की गई कमेटी
वहीं, मामले पर नागपुर जिला परिषद सीईओ सौम्या शर्मा ने कहा कि हमने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं. कमेटी का गठन किया गया है. जांच रिपोर्ट आने के बाद नियम अनुसार कार्रवाई की जाएगी.