महाराष्ट्र के उल्हासनगर से अपहरण का अजीबोगरीब मामला सामने आया है. दोस्तों ने मिलकर एक दोस्त का अपहरण कर लिया. फिर जंगल ले जाकर जमकर पिटाई की और 1 लाख रुपये मांगे. हालांकि, 30 हजार लेकर अपहरणकर्ताओं ने दोस्त को छोड़ दिया. मामले में उल्हासनगर मध्यवर्ती पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. बाकी आरोपियों की तलाश क्राइम ब्रांच और सेंट्रल पुलिस कर रही है.
जानकारी के मुताबिक, उल्हासनगर के म्हारल गांव का रहने वाले दुर्गेश कैलाश वारे के पिता कैलाश वारे रिटायर पुलिस कांस्टेबल हैं. 11 अक्टूबर देर रात दुर्गेश उल्हासनगर के पैराडाइज होटल के बाहर खड़ा था. इसी दौरान उसका दोस्त देवा खेड़कर आया और जबरन गाड़ी में बैठाकर ले गया. इसके बाद उसे दूसरी गाड़ी में बैठाकर खांबा गांव के जंगलों में ले गया.
इलाके में धंधा करना है तो पैसे देने होंगे
फिर देवा ने अपने अन्य तीन दोस्तों के साथ मिलकर हॉकी और डंडे से उसकी जमकर पिटाई की. 1 लाख रुपये की मांग की और कहा अगर तुझे धंधा करना है तो पैसे देने होंगे. नहीं तो मार देंगे. मुझ पर पहले से ही मर्डर का आरोप है. अपहरणकर्ताओं से बचने के लिए दुर्गेश ने कहा कि अभी इतना पैसा नहीं है.
30 हजार लेकर अपहरणकर्ताओं ने छोड़ दिया
उसने कहा, मैं 30 हजार रुपये ही दे सकता हूं. फिर आरोपियों के साथ दुर्गेश उल्हासनगर के एक बार पर पहुंचा और काउंटर से 30 हजार रुपये निकालकर दिए. दुर्गेश को छोड़ने के साथ ही उन्होंने पुलिस से कुछ नहीं बताने की धमकी दी.
अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छूटने के बाद वो मध्यवर्ती पुलिस थाने में शिकायत करने पहुंचा. पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने देवा खेडकर, कुणाल वसीटा, साहिल बेड और अजय बगुल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की. बताया जा रहा है कि देवा पर डबल मर्डर का आरोप है. हाल ही में वो जेल से बाहर आया है. इलाके में दहशत फैलाने के मकसद से उसने दुर्गेश का अपहरण किया.
मामले में वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक ने कही ये बात
वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक मधुकर कड ने बताया कि 13 अक्टूबर को आरोपी अजय बिगुल को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया, जहां कोर्ट ने उसे चार दिनों के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया है. बाकी अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस की एक टीम जगह-जगह छापेमारी कर रही है. जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लेंगे.