बड़वानी में मेधा पाटकर की अगुवाई में चल रहा नर्मदा जल, जंगल, जमीन हक सत्याग्रह लगातार विवादों में घिरता जा रहा है. सत्याग्रह के दूसरे दिन देश में नशा मुक्ति लागू करने की बैठक के दौरान जहां 'नर्मदा बचाओ आंदोलन' के कार्यकर्ता ही सिगरेट पीते दिखे वहीं नर्मदा के बारे में मेधा पाटकर के दिए विवादित बयान के बाद लोगों ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने को लेकर ना केवल ज्ञापन दिया बल्कि मेघा पाटकर का पुतला भी जलाया.
सिगरेट पीते दिखाई दिए कार्यकर्ता
सरदार सरोवर के गेट बंद किए जाने के विरोध में बड़वानी के नर्मदा किनारे शुरू हुए आंदोलन के साथ नए विवाद जुड़ रहे हैं. सत्याग्रह के दूसरे दिन जहां एक तरफ देश
में नशा मुक्ति की योजना को लेकर बैठक चल रही थी तो वहीं दूसरी ओर नर्मदा बचाओ आंदोलन के कार्यकर्ता ही अलग-अलग जगहों पर बैठ कर सिगरेट पीते दिखाई दिए.
मेधा के खिलाफ एफआईआर की मांग
वहीं एक अखबार में मेधा के छपे उस बयान पर भी लोगों का गुस्सा फूटा जिसमें नर्मदा नदी के बारे में आपत्तिजनक शब्द इस्तेमाल किए गए थे. लोगों ने इसका विरोध
और बड़वानी थाने पहुंच कर मेधा के खिलाफ एफआईआर की मांग भी की. आक्रोशित लोगों ने मेधा का पुतला तक जला दिया. इन लोगों का कहना है कि मां नर्मदा
हमारी जीवन दायनीय है. करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र है.
बयान पर मेधा ने मांगी माफी
बवाल बढ़ता देख मेधा पाटकर ने अपने बयान पर माफी मांगी और कहा कि उनके बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया लेकिन फिर भी किसी की भावना को ठेस
पहुंची तो मैं माफी चाहती हूं. वहीं देशभर नशा मुक्ति कराये जाने की योजना की बैठक के दौरान नर्मदा कार्यकर्ताओं द्वारा खुले रूप से सिगरेट पिए जाने के संबंध में
सफाई देते हुए मेधा ने कहा कि हमने सिगरेट बीड़ी के खिलाफ नहीं शराब और अन्य प्रकार के नशे के खिलाफ आंदोलन शुरू किया है.