इंडिया टुडे ग्रुप के 'माइंड रॉक्स' कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार पर विस्तार से बात की. कार्यक्रम का संचालन कर रहे 'आजतक' के एक्जिक्यूटिव एडिटर (स्पेशल प्रोजेक्ट्स) सईद अंसारी ने जब उनसे पूछा कि विधानसभा चुनाव में आप जीते थे लेकिन तुरंत बाद लोकसभा चुनाव में आपकी बड़ी हार हुई. इसका क्या कारण रहा? इस पर उन्होंने कहा, 'लोकसभा का चुनाव राज्य का नहीं होता. लेकिन हम हार की जिम्मेदारी लेते हैं. हम अपना संदेश जनता तक नहीं पहुंचा सके. हमारा तंत्र कमजोर है. अभी चुनाव खत्म हुए ज्यादा वक्त नहीं हुआ है. हम अपनी कमियों को ढूंढ रहे हैं. हम उन कमियों को जल्द दूर करेंगे.'
कमलनाथ से जब पूछा गया कि क्या एक नरेंद्र मोदी सब पर भारी पड़ गए. इस पर उन्होंने कहा, 'कांग्रेस की विचारधारा में कोई कमी नहीं है. लेकिन भाजपा की तरह हमारे पास अन्य संगठन नहीं हैं. उनके पास आरएसएस, बजरंग दल जैसे 26 संगठन हैं. हम साफ-सुथरी राजनीति करते हैं.' उन्होंने आगे कहा कि अभी एक साल के बाद देखिएगा भाजपा का गुब्बारा फूट जाएगा.
कमलनाथ से जब कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय के बारे में पूछा गया कि क्या वे भाजपा के नेता थे इसलिए उन पर कार्रवाई हुई. इसका जवाब देते हुए कमलनाथ ने कहा कि कानून अपना काम करता है. उनकी जगह कोई भी ऐसी हरकत करता तो उस पर कार्रवाई होती. कमलनाथ से पूछा गया कि 15 साल के भाजपा के कार्यकाल में कांग्रेस के कई कार्यकर्ताओं पर मामले दर्ज किए गए हैं. उन्हें आप छोड़ देंगे. इस पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि जो मामले राजनीतिक दुर्भावना के तहत दर्ज किए गए हैं उन्हें बिल्कुल खत्म किया जाएगा.
राहुल गांधी के इस्तीफा देने और उस पर कायम रहने के सवाल पर कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए राहुल गांधी सही व्यक्ति हैं. जब उनसे पूछा गया कि राहुल गांधी नहीं मान रहे हैं, ऐसे में कांग्रेस अध्यक्ष कौन बनेगा, तो उन्होंने कहा कि उनको किसी दूसरे नेता के कांग्रेस अध्यक्ष बनने की कोई जानकारी नहीं है. कमलनाथ से पूछा गया कि अगर आपको कांग्रेस अध्यक्ष का ऑफर हुआ तो आप क्या जिम्मेदारी संभालेंगे. इस पर कमलनाथ पहले तो मुस्कुराने लगे. फिर उन्होंने कहा कि न तो मुझे ऑफर मिला है और न हमने इस पर कुछ सोचा है. चूंकि यह सवाल काल्पनिक है तो मैं सपने नहीं देखता.
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से मुलाकात के दौरान राहुल गांधी ने कहा था कि मुझे इसी बात का दुख है कि मेरे इस्तीफे के बाद किसी भी महासचिव या प्रदेश अध्यक्षों ने हार की जिम्मेदारी लेकर इस्तीफा नहीं दिया. यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ता राहुल गांधी के आवास के बाहर जमा हुए थे. वे राहुल गांधी को मनाना चाहते थे कि वह अपना इस्तीफा वापस लें और कांग्रेस अध्यक्ष पद पर बने रहें.