मध्य प्रदेश के नीमच से चार किलोमीटर दूर भाट खेड़ा में अडानी वेल्मेर के सोयाबीन प्लांट में एक बड़ा हादसा हुआ. इस हादसे में पांच लोगों की मौत हो गई.
अडानी वेल्मेर के इस प्लांट में सोयाबीन का तेल बनता है. दरअसल इस प्लांट के केमिकल वेस्टेज टैंक इन्फ्ल्युएंट ट्रीटमेंट प्लांट के टैंक की सफाई करने एक कर्मचारी अंदर उतरा था. वह काफी देर तक बाहर नहीं आया तो दो कर्मचारी और अंदर उतर गये. जब वह दोनों भी बाहर नहीं आए तो दो अन्य कर्मचारी और अंदर उतरे, काफी देर तक पांचों लोग बाहर ही नहीं आए तो प्लांट के दूसरे बड़े कर्मचारियों ने व्यवस्था का मुआयना किया.
पांचो कर्मचारियों की कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली सब बेहोश पाए गए. उन्हें जिला अस्पताल लाया गया जहां सभी को चिकित्सको द्वारा मृत घोषित किया गया. शवों का भारी पुलिस व्यवस्था के बीच पोस्टमार्टम करवाया गया. माना जा रहा है कि पांचो मजदूरो की मौत टैंक में गैस के कारण दम घुटने से हुई है.
जिला अस्पताल पर अडानी वेल्मेर के काफी मजदूरों और लोगों की भीड़ लग गई. इस हादसे ने अडानी वेल्मेर के सोयाबीन प्लांट में सुरक्षा प्रबंधो पर सवाल खड़े कर दिये हैं. सूत्रों के मुताबिक जब केमिकल टैंक में मजदूरों को उतारा गया तो उन्हें ऑक्सीजन मास्क या रेस्पिरेटरी सिस्टम की सुविधा भी नहीं दी गई थी. अडानी वेल्मेर में हुए इस हादसे ने यहां काम करने वाले कर्मचारियों की सुरक्षा में लापरवाही की पोल खोल दी है.
जिला अस्पताल में एस.डी.एम जगदीश मेहरा और तहसीलदार गोपाल सोनी को मजदूरों के आक्रोश का सामना करना पड़ा. एस.डी.एम. तो चुपचाप निकल लिए लेकिन तहसीलदार गोपाल सोनी मजदूरों के हत्थे चढ़ गए और मजदूरों ने उन्हें पीट दिया.
मृतकों के परिवार को पचास-पचास हजार रुपये की तात्कालिक सहायता दी गई है. कम्पनी द्वारा इन्हें 12-12 लाख रुपये देने की बात भी कही जा रही है.