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झारखंड पत्रकार हत्या गुत्थी सुलझी, शराब पिलाई, पीटा फिर जंगल में छोड़ दिया

पत्रकार चंदन तिवारी ने तलाब बनाने के ठेके में हुई गड़बड़ी उजागर की थी. इसी नाराजगी में पिंटू सिंह नाम के एक शख्स और उसके दो साथियों ने चंदन की पीट-पीट कर हत्या कर दी.

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प्रतीकात्मक तस्वीर (आजतक आर्काइव)
प्रतीकात्मक तस्वीर (आजतक आर्काइव)

चतरा के पत्थलगड्डा में हुए दैनिक अखबार के पत्रकार चंदन तिवारी की हत्या की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है. पुलिस ने घटना को अंजाम देने वाले दो हत्यारों को भी गिरफ्तार कर लिया है. उनकी निशानदेही पर एसपी की ओर से बनाई गई एसआईटी ने घटना में उपयोग किए गए डंडे और रस्सी भी बरामद कर लिए हैं. दिवंगत पत्रकार का चश्मा और चप्पलें भी घटनास्थल से मिली हैं.

गुरुवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में एसपी अखिलेश वी वारियर ने बताया कि पत्रकार चंदन की हत्या तालाब निर्माण में गड़बड़ी उजागर करने के लेकर हुई. हत्या की इस वारदात में पिंटू सिंह नाम के एक शख्स और उसके दो साथियों के नाम आ रहे हैं. एसपी ने बताया कि घटना का मुख्य साजिशकर्ता पिंटू सिंह नक्सली संगठन का उग्रवादी है और पूर्व में भी इसी तरह के मामले में जेल जा चुका है.

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एसपी वारियर ने बताया कि पिंटू सिंह के साथ घटना में संलिप्त दो अपराधियों जमुना प्रसाद और मुसाफिर राणा को गिरफ्तार किया गया है. घटना के बाद फरार पिंटू की गिरफ्तारी के लिए सघन छापेमारी अभियान चलाया जा रहा है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में एसपी ने बताया कि पिंटू सिंह के भाई को मनरेगा योजना के तहत करीब साढ़े चार लाख रुपए का तालाब निर्माण का काम मिला था. इस योजना को मनरेगा मजदूरों से कराना था लेकिन संवेदक ने नियमों को ताक पर रखकर जेसीबी से तालाब की खुदाई करवाई थी. इस गड़बड़ी को चंदन ने उजागर की थी. जिसके बाद प्रखंड प्रशासन ने संवेदक को योजना निर्माण की भुगतान नहीं की थी.

एसपी ने बताया कि चंदन को जबरन शराब पिलाने के बाद पिंटू सिंह और उसके दोस्तों ने बाइक पर बिठाकर अपहरण कर लिया था. उसके बाद उनकी निर्ममता से पिटाई करते हुए सिमरिया थाना क्षेत्र के बलथरवा जंगल में छोड़ दिया. बहुत ज्यादा चोट होने के कारण चंदन की मौत हो गई थी. एसपी ने बताया कि घटना में टीएसपीसी नक्सली प्रशांत की भी मिलीभगत की पड़ताल की जाएगी.

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