देशभर में ईद उल-अज़हा (बकरीद) का त्योहार मनाया जा रहा है. जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला और जम्मू और कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की मुखिया महबूबा मुफ्ती ने लोगों को बकरीद की शुभकामनाएं दी.
हालांकि, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती ने श्रीनगर के जामा मस्जिद में बकरीद के मौके पर नमाज अदा करने की इजाजत नहीं देने को लेकर केंद्र की मोदी सरकार से सवाल पूछे हैं.
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने क्या कहा?
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, मैं सभी को ईदी की मुबारकबाद देता हूं. ये उम्मीद करता हूं जम्मू-कश्मीर के लिए, यहां और दुनिया के मुसलमानों के लिए अच्छे दिन आए, अमन और भाईचारे को और मजबूत करें.
जब हम ईद की खुशियां मना रहे हैं. इस बात का जरूर अफसोस है कि श्रीनगर के ऐतिहासिक जामा मस्जिद में आज ईद की नमाज अदा करने की इजाजत नहीं दी गई. ये फैसले किस बुनियाद पर लिए जाते हैं मुझे इसकी जानकारी नहीं है. लेकिन कभी न कभी हमें अपने लोगों पर भरोसा करना होगा. ये वही लोग हैं जो 22 अप्रैल के बाद अपनी मर्जी से आतंकी हमले के खिलाफ अपनी नाराजगी का इजहार किया और स्पष्ट किया कि वह ये हमले के साथ नहीं हैं.
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PDP प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने क्या कहा?
महबूबा मुफ्ती ने कहा, अल्लाह ताला से दुआ करते हैं कि वो इजराइल की जरीयत से इजरायल के जुल्म से को आजाद करे. अफसोस की बात है कि ईद के मौके पर श्रीनगर के ऐतिहासिक जामा मस्जिद में आज ईद की नमाज अदा करने की इजाजत नहीं दी गई.
जम्मू-कश्मीर मुस्लिम बहुल राज्य है. लेकिन फारूक साहब को नजरबंद किया हुआ है. तो फिर ये लोग कैसे कह रहे हैं कि सब ठीक है. ये बिल्कुल गलत है जो इस चीज को तमाशा बनते देख रहे हैं.