हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. सोमवार को भी प्रदेश के कई हिस्सों में मूसलाधार बारिश हुई, जिसके चलते तीन जिलों ऊना, बिलासपुर और कांगड़ा में मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. इन जिलों में अगले 24 घंटों के भीतर कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा की चेतावनी दी गई है.
266 सड़कें बंद
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक आपातकालीन संचालन केंद्र (SEOC) के मुताबिक, सोमवार को राज्य भर में 266 सड़कें वाहनों की आवाजाही के लिए बंद रहीं. इनमें से 155 सड़कें मंडी जिले में हैं, जो हाल ही में बादल फटने, भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुआ था. कुल्लू जिले में 68 सड़कें अवरुद्ध हैं.
कहां कितनी हुई बारिश
राजधानी शिमला के पंथाघाटी क्षेत्र में रविवार रात एक भूस्खलन के कारण मेहली-शोगी बाइपास सड़क पर मलबा जमा हो गया और कुछ दुकानों को भी नुकसान पहुंचा है. मौसम विभाग के अनुसार, रविवार शाम से अब तक कसौली में 82 मिमी, नैना देवी में 62.6 मिमी, जोगिंदरनगर में 60 मिमी, ब्रह्माणी में 49.2 मिमी, मनाली में 45.2 मिमी, शिमला में 36.8 मिमी, मंडी में 27.2 मिमी और सराहन में 25.5 मिमी बारिश दर्ज की गई है.
अब तक 106 लोगों की मौत
मौजूदा मानसून सीजन की शुरुआत 20 जून से हुई थी, और तब से अब तक राज्य को करीब 1,714 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है. बारिश से जुड़ी घटनाओं में 106 लोगों की मौत हो चुकी है और 36 लोग लापता हैं. इसके अलावा 41 बिजली वितरण ट्रांसफार्मर और 282 जलापूर्ति योजनाएं प्रभावित हुई हैं.
उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री के अनुसार, हाल ही में हुई बारिश और बाढ़ से प्रभावित 95 जलापूर्ति योजनाओं को अस्थायी रूप से बहाल कर दिया गया है. कुल 10,067 जलापूर्ति योजनाओं में से 5,805 प्रभावित हुई हैं, जिनमें 434.47 करोड़ रुपये की क्षति आंकी गई है. इसके अलावा, 1,293 सिंचाई योजनाएं भी प्रभावित हुई हैं, जिनका नुकसान करीब 101.67 करोड़ रुपये आंका गया है. अब तक राज्य में 1,692 मकान आंशिक या पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं. 54 फ्लैश फ्लड, 28 बादल फटने और 48 बड़े भूस्खलन की घटनाएं सामने आई हैं.