हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार को धर्मशाला के दाड़ी ग्राउंड से पुलिस ग्राउंड तक एंटी-चिट्टा अवेयरनेस का नेतृत्व किया. इसमें बड़ी संख्या में छात्र और स्थानीय लोग शामिल हुए. सभी ने 'ड्रग फ्री हिमाचल' जैसे संदेशों वाली तख्तियां लेकर नशामुक्ति का संकल्प दोहराया.
ड्रग माफिया को सीधी चेतावनी
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम सुक्खू ने कहा कि हिमाचल की पवित्र भूमि 'देवभूमि' में चिट्टा माफिया और ड्रग तस्करों के लिए कोई जगह नहीं है. उन्होंने साफ चेतावनी दी, 'जो भी हमारे बच्चों को चिट्टा बेचेगा, वह जेल जाएगा. यह लड़ाई सिर्फ तस्करों के खिलाफ नहीं, बल्कि पूरे ड्रग नेटवर्क के खिलाफ है.'
सूचना देने वालों को 10 हजार से 10 लाख तक इनाम
सीएम ने ड्रग कारोबार की जानकारी देने वालों के लिए इनाम की घोषणा की. उन्होंने कहा कि कोई भी नागरिक 112 नंबर पर गुप्त रूप से सूचना दे सकता है.
कितना मिलेगा इनाम?
2 ग्राम तक चिट्टा की जानकारी पर 10,000 रुपये
5 ग्राम तक पर 25,000 रुपये
25 ग्राम तक पर 50,000 रुपये
1 किलो तक पर 5 लाख रुपये
1 किलो से अधिक पर 10 लाख रुपये
हिमाचल में चिट्टा का बढ़ता खतरा
पूर्व फॉरेंसिक साइंस लैब निदेशक अरुण शर्मा ने बताया कि चिट्टा हेरोइन से बनी एक खतरनाक सेमी-सिंथेटिक ड्रग है, जो अत्यधिक नशे वाली होती है. इसका ओवरडोज जानलेवा भी हो सकता है. पुलिस के अनुसार, प्रति ग्राम 4,000 से 7,000 रुपये तक बिकने के कारण ड्रग पेडलर इस कारोबार में तेजी से बढ़ रहे हैं और छात्रों तक नशा पहुंच रहा है.
ड्रग नेटवर्क के खिलाफ संयुक्त लड़ाई
सीएम सुक्खू ने बताया कि ANTF, STF, पुलिस, शिक्षा, स्वास्थ्य विभाग और सामाजिक न्याय विभाग मिलकर नशा खत्म करने के मिशन में जुटे हैं. उन्होंने कहा- आज मैं मुख्यमंत्री के रूप में नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी निभाने वाले व्यक्ति के रूप में यहां आया हूं. मैं आपकी आने वाली पीढ़ी को बचाने के लिए खड़ा हूं.'
PIT-NDPS एक्ट के तहत बड़ी कार्रवाई
सुक्खू ने बताया कि कई वर्षों से निष्क्रिय पड़े PIT-NDPS एक्ट को उनकी सरकार ने फिर से लागू किया है. इसके तहत अब तक 46 बड़े ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इसके अलावा 46 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति भी जब्त की गई है. उन्होंने कहा कि ड्रग माफिया की हर अवैध कमाई जब्त की जाएगी.
नशामुक्ति का संकल्प लिया गया
कार्यक्रम के अंत में सीएम ने युवाओं को नशा विरोधी शपथ दिलाई. इसी दौरान एक पैराग्लाइडर भी 'एंटी-चिट्टा' संदेश वाली तख्ती लेकर मैदान में उतरा, जिसने अभियान को और प्रभावशाली बनाया.