पूर्व पंजाब पुलिस महानिदेशक (DGP) मोहम्मद मुस्तफा और उनकी पत्नी, पंजाब सरकार की पूर्व मंत्री रजिया सुल्ताना के 35 वर्षीय बेटे की संदिग्ध हालात में मौत की जांच नई दिशा में मुड़ गई है. अब यह मामला सिर्फ एक बेटे की मौत नहीं, बल्कि परिवार के भीतर छिपे उन रिश्तों के सच को सामने लाने की कोशिश है, जिन पर अब तक परदे डले थे.
एक सनसनीखेज मौत
घटना 16 अक्टूबर की है. पंचकूला के सेक्टर-4 में रहने वाले अधिवक्ता आक़िल अख्तर घर में मृत पाए गए. परिवार ने दरवाजा तोड़कर देखा तो आक़िल फर्श पर पड़े थे. बाद में डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित किया. शुरुआत में पुलिस ने इसे एक सामान्य आत्महत्या का मामला माना, लेकिन चार दिन बाद कहानी पूरी तरह बदल गई.
FIR से खुली परतें
20 अक्टूबर को पंजाब के मालेरकोटला निवासी शमशुद्दीन नामक व्यक्ति की शिकायत पर पंचकूला पुलिस ने पूर्व DGP मुस्तफा, उनकी पत्नी रजिया सुल्ताना, आकिल की पत्नी और बहन के खिलाफ हत्या और साजिश के आरोप में FIR दर्ज की. शिकायतकर्ता ने दावा किया कि आकिल की मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हुई और उसने अपनी मौत से पहले एक वीडियो में अपने ही परिवार पर गंभीर आरोप लगाए थे. शिकायत के मुताबिक, आक़िल ने कहा था कि उसके परिवार के लोग उसे झूठे मामले में फंसाने या जान से मारने की साजिश रच रहे हैं. इस वीडियो में उसने अपने पिता मोहम्मद मुस्तफा और पत्नी के बीच 'अवैध संबंध' होने का भी जिक्र किया था. इसके अलावा, उसने यह भी दावा किया था कि उसकी मां (रजिया सुल्ताना) और बहन निशात अख्तर सहित पूरा परिवार उसे जान से मारने की साजिश रच रहा है या उसे झूठे मामलों में फंसाने की कोशिश कर रहा है.
वो वीडियो जिसने सबकुछ बदल दिया
जांच में पुलिस के हाथ वह वीडियो भी लगा, जिसे आकिल ने अगस्त में रिकॉर्ड किया था. वीडियो में वह कह रहा है कि मेरे पिता और परिवार मुझे मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं. वे मुझे पागल साबित करने की कोशिश कर रहे हैं. उनका प्लान है कि मुझे किसी झूठे केस में फंसा दें या खत्म करवा दें. वीडियो में आकिल भावुक दिखता है, आंखों में आंसू हैं. वह कहता है कि उसे डर है, कहीं घर के भीतर से ही कुछ न हो जाए.
परिवार की सफाई : वो बीमार था, सच्चाई से दूर
पूर्व मंत्री रजिया सुल्ताना ने बयान जारी करते हुए कहा कि कुछ लोग गंदी राजनीति के तहत उनके परिवार को निशाना बना रहे हैं. हमारा बेटा मानसिक रूप से अस्वस्थ था. वह इलाज करवा रहा था. कुछ लोग हमारे निजी दुख का राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन हमें न्याय पर भरोसा है. उधर, मोहम्मद मुस्तफा ने कहा कि पुलिस ने शिकायत पर FIR दर्ज करके अपना कर्तव्य निभाया है. FIR का मतलब यह नहीं कि कोई दोषी है. सच सामने आएगा और सबकुछ साफ हो जाएगा. उन्होंने अपने शुभचिंतकों से अपील की कि वे इस घटना को राजनीति की नजर से न देखें.
डीसीपी क्या बोलीं :
पंचकूला डीसीपी सृष्टि गुप्ता के मुताबिक, शिकायत मिलने के बाद FIR दर्ज की गई है और एसीपी स्तर की अधिकारी की अगुवाई में SIT गठित की गई है. डीसीपी सृष्टि गुप्ता ने कहा, हम जांच पूरी निष्पक्षता से कर रहे हैं. शुरुआती स्तर पर किसी तरह की गड़बड़ी नहीं मिली थी, लेकिन शिकायत और वीडियो सामने आने के बाद नई दिशाओं में जांच शुरू की गई है. किसी निर्दोष को सजा नहीं मिलेगी, और कोई दोषी बचेगा नहीं.
SIT अब क्या खोजेगी
- क्या यह आत्महत्या थी या सुनियोजित हत्या?
- क्या आकिल के पारिवारिक रिश्तों में कोई ऐसा तनाव था जो उसे मानसिक रूप से तोड़ गया?
- क्या उसके पिता और पत्नी के बीच किसी तरह का विवाद या संबंध थे ?
- क्या वह वीडियो आकिल ने अपनी मर्जी से रिकॉर्ड किया था या किसी दबाव में?
SIT डिजिटल फॉरेंसिक की मदद से मोबाइल, लैपटॉप, ईमेल और सोशल मीडिया अकाउंट्स की बारीकी से जांच कर रही है.
मानसिक बीमारी या पारिवारिक दबाव?
परिवार का दावा है कि आकिल साइकोटिक डिसऑर्डर से जूझ रहा था. वह इलाज करवा रहा था और कई बार भ्रम की स्थिति में चला जाता था. लेकिन शिकायतकर्ता शमशुद्दीन का कहना है कि बीमारी का हवाला झूठा है. अगर वह मानसिक रूप से अस्थिर था तो फिर उसे अकेले घर में क्यों छोड़ा गया? क्यों नहीं अस्पताल में रखा गया? और फिर उसके वीडियो में जो आरोप हैं, क्या वे सब उसकी कल्पना मात्र हैं.
(साथ में एजेंसी इनपुट)