गुजरात विधानसभा के बजट सत्र के दौरान शून्य काल में कांग्रेस विधायकों के सवाल के जवाब में सरकार ने स्वीकार किया कि पिछले 6 साल से दाहोद-नर्मदा जिले में फर्जी सरकारी दफ्तर चल रहा था, जिसमें 21 करोड़ की ग्रांट भी आवंटित की गई थी. सरकार के जवाब के बाद विपक्ष कांग्रेस ने सरकारी नीति के खिलाफ सवाल उठाए और नारेबाजी की.
गुजरात में सब कुछ नकली होने के आरोप के साथ विपक्षी विधायकों ने जमकर हंगामा किया. नकली PMO अधिकारी, नकली CMO अधिकारी, नकली दारू, नकली नोट, नकली टोल नाका और नकली ऑफिस को लेकर जमकर नारेबाजी की जिसके बाद सरकार ने विधानसभा अध्यक्ष को प्रस्ताव दिया कि हंगामा करने वाले विधायकों को सस्पेंड किया जाए.
कांग्रेस विधायक दल के नेता अमित चावड़ा ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने बहुमत के आधार पर कांग्रेस के विधायकों को सस्पेंड कर दिया. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बहुमत के आधार पर लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है.