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YouTube से सिखा फर्जी डॉक्यूमेंट बनाना, फिर नकली दस्तावेज बनाकर की अवैध वसूली, गिरफ्तार    

नकली डॉक्यूमेंट बनाने के मामले में अहमदाबाद साइबर क्राइम को जानकारी मिली कि शहर के फतेवाड़ी इलाके में इजाज खान पठान नाम का शख्स एक इलेक्ट्रिकल दुकान में कंप्यूटर का इस्तेमाल कर नकली डॉक्यूमेंट्स बना रहा है. साइबर क्राइम ब्रांच की टीम ने जांच की और उसे उसके ऑफिस से नकली डॉक्यूमेंट के साथ गिरफ्तार कर लिया.

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पुलिस की गिरफ्तार में आरोपी.
पुलिस की गिरफ्तार में आरोपी.

गुजरात पुलिस ने नकली डॉक्यूमेंट्स बनाने वाले आरोपी को अहमदाबाद के फतेवाड़ी इलाके से गिरफ्तार किया गया है. इसके अलावा सरकारी नौकरी देने के नाम पर नकली नियुक्ति पत्र देकर 1 करोड़ रुपए तक वसूली करने का चौंकाने वाला मामला गिर सोमनाथ से सामने आया है. इस मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

दरअसल, नकली डॉक्यूमेंट बनाने के मामले में अहमदाबाद साइबर क्राइम को जानकारी मिली कि शहर के फतेवाड़ी इलाके में इजाज खान पठान नाम का शख्स एक इलेक्ट्रिकल दुकान में कंप्यूटर का इस्तेमाल कर नकली डॉक्यूमेंट्स बना रहा है. साइबर क्राइम ब्रांच की टीम ने जांच की और उसे उसके ऑफिस से नकली डॉक्यूमेंट के साथ गिरफ्तार कर लिया. 

यूट्यूब और सोशल मीडिया से नकली डॉक्यूमेंट बनाना सीखा

पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तारी के दौरान करीब 30 नकली बिजली के बिल, इलेक्शन कार्ड और आधार कार्ड जब्त किए गए हैं. आरोपी इजाज खान पठान ने 10वीं तक पढ़ाई की है. उसे पहले से ही कंप्यूटर की जानकारी थी. पहले वह स्विगी कंपनी में डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन का काम करता था और उसने यूट्यूब और सोशल मीडिया वेबसाइट से नकली डॉक्यूमेंट बनाना सीखा था. 

लोगों की जरूरत के मुताबिक बनाने थे डॉक्यूमेंट्स

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आरोपी इजाज ऐसे लोगों के लिए फर्जी दस्तावेज बनाता था, जिनके पास लोन लेने के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट्स नहीं होते थे. लोगों की जरूरत के मुताबिक डॉक्यूमेंट्स बनाने के लिए रुपये वसूले जाते थे. साइबर क्राइम ब्रांच की जांच में पता चला है कि 110 से ज्यादा AMC के बर्थ सर्टिफिकेट, चुनाव कार्ड, आधार कार्ड और बिजली बिल के साथ-साथ फर्जी पैन कार्ड बनाए गए हैं. आरोपी ने पिछले 7 महीने में कितने लोगों के लिए नकली डॉक्यूमेंट बनाए है. इसमें क्या कोई और भी उसकी मदद करता था, उस दिशा में अहमदाबाद साइबर क्राइम ब्रांच ने जांच शुरू की है.

एक करोड़ रुपए तक की वसूली

साइबर क्राइम ब्रांच के एसीपी जे.ऐम. यादव ने बताया कि नकली डॉक्यूमेंट का एक और मामला गुजरात के ही गिर सोमनाथ से सामने आया है, जिसमें सरकारी नौकरी इच्छुक युवाओं को नौकरी दिलाने के नाम पर नकली नियुक्ति पत्र थमा दिए गए. पुलिस ने इस मामले की जांच की, तो एक करोड़ रुपए तक की वसूली का खुलासा हुआ है.

सरकारी नौकरी का लालच देकर लोगों से वसूली

एसीपी ने आगे बताया कि नियुक्ति पत्रों पर कलेक्टर, एसपी, बैंक अधिकारी के हस्ताक्षर पाए गए हैं. इस मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. तीनों आरोपी अपनी गलत पहचान देकर सरकारी नौकरी का वायदा करके लोगों से लाखों रुपए वसूल चुके हैं. इन आरोपियों के साथ राज्य में कही और कोई आरोपी जुडा हैं कि नहीं. इस दिशा में भी पुलिस ने जांच शुरू की है.

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