गुजरात के कच्छ क्षेत्र में शाम को आए भूकंप की तीव्रता 4.2 मापी गई. भूकंप का केंद्र भचाऊ के पास रहा. कच्छ में भूकंप आने के करीब 15 मिनट बाद मिजोरम के चंपाई जिले में भी भूकंप आया जहां उसकी तीव्रता रही 4.6.
सुबह करगिल में हिली धरती
इससे पहले आज तड़के लद्दाख के करगिल में भी 3.37 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए. जिसकी रिक्टर स्केल पर तीव्रता 4.7 थी. नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक भूकंप का केंद्र करगिल से 433 किलोमीटर नॉर्थ-नॉर्थवेस्ट था. अच्छी बात यह रही कि इस भूकंप से किसी के हताहत होने या संपत्तियों को नुकसान पहुंचने की खबर नहीं मिली.
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यही नहीं 3 जुलाई की शाम दिल्ली-एनसीआर में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. शाम 7 बजे के करीब आए इस भूकंप की तीव्रता 4.5 दर्ज की गई. भूकंप के झटके काफी देर तक महसूस किए गए.
यही नहीं इससे पहले गुरुवार को भी करगिल में भूकंप के झटके महूसस किए गए थे. तब रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.5 मापी गई थी. नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के अनुसार, गुरुवार दोपहर 1.11 बजे करगिल में भूकंप के झटके महसूस किए गए. इसका केंद्र करगिल से 119 किलोमीटर नॉर्थवेस्ट में रहा.
लद्दाख क्षेत्र में भूकंप के झटके महसूस किए जाने के थोड़ी देर बाद जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए. दोपहर 2.02 बजे आए इस भूकंप की तीव्रता 3.6 मापी गई. इससे पहले 1 जुलाई को जम्मू-कश्मीर में एक ही दिन में 2 बार भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे. भूकंप का केंद्र किश्तवाड़ रहा.
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भूकंप की तीव्रता का क्या मतलब, कितना होगा असर?
- 0 से 1.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही पता चलता है.
- 2 से 2.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर हल्का कंपन महसूस होता है.
- 3 से 3.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर जाए, ऐसा असर होता है.
- 4 से 4.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर खिड़कियां टूट सकती हैं. दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं.
- 5 से 5.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर फर्नीचर हिल सकता है.