scorecardresearch
 

गुजरात की नई कैबिनेट, 2024 का समीकरण... BJP ने ऐसे साधा क्षेत्रीय और जातीय संतुलन

गुजरात में बीजेपी ने एक बार फिर पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बना ली है. मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने अपनी कैबिनेट का भी गठन कर लिया है. मंत्रिमंडल में कुल 17 सदस्य हैं. बीजेपी ने कैबिनेट के जरिए जातीय और क्षेत्रीय संतुलन साधने की कवायद की है. इस तरह बीजेपी ने 2024 के चुनाव के लिए मजबूत आधार तैयार किया है.

Advertisement
X
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सीएम भूपेंद्र पटेल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सीएम भूपेंद्र पटेल

गुजरात विधानसभा में बीजेपी एक बार फिर से प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में लौटी है और मुख्यमंत्री का ताज भूपेंद्र पटेल के सिर सजा है. कैबिनेट में इस बार पाटीदार कार्ड खेलते हुए ओबीसी और अनुसूचित जनजाति को भी रिझाने की पूरी कोशिश की गई है. इसके अलावा बीजेपी ने दलित और ब्राह्मण के साथ-साथ जैन और क्षत्रिय समुदायों के प्रतिनिधियों को मौका दिया है. मंत्रिमंडल के जरिए जातीय समीकरण के साथ क्षेत्रीय संतुलन साधने की कवायद की गई है. जिसके तहत गुजरात के सभी इलाकों को प्रतिनिधित्व दिया गया है. 

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल सहित 17 सदस्यीय मंत्रिमंडल का गठन किया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित पार्टी के दिग्गज नेताओं की मौजूदगी में भूपेंद्र पटेल ने सीएम पद की शपथ ले ली है. मुख्यमंत्री के अलावा 8 कैबिनेट मंत्रियों, 2 राज्यमंत्रियों (स्वतंत्र प्रभार) और 6 राज्यमंत्रियों को भी राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने शपथ दिलाई. इस तरह बीजेपी ने भूपेंद्र पटेल कैबिनेट के जरिए 2024 के चुनाव के लिए मजबूत सोशल इंजीनियरिंग का फॉर्मूला तैयार किया है.  

मंत्रीमंडल के जरिए जातीय संतुलन 
भूपेंद्र सरकार के 2.0 के मंत्रिमंडल को अगर जातीय समीकरण के लिहाज से देखें तो कैबिनेट में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल सहित 5 पटेल नेताओं को जगह मिली है तो 5 ओबीसी जातियों के नेताओं को भी मंत्री बनाया गया है. इसके अलावा अनुसूचित जनजाति समुदाय के 3 मंत्री बनाए गए हैं तो एक जैन, एक क्षत्रीय, एक ब्राह्मण और एक दलित समुदाय के सदस्य को मंत्री बनाया गया है.  

Advertisement

पाटीदार समाज को मिली ज्यादा तवज्जो

बीजेपी ने अपने कोर वोटबैंक पाटीदार समुदाय का पूरा ख्याल रखा है, जिसके चलते मुख्यमंत्री सहित पांच पाटीदार नेताओं को मंत्री बनाया गया है. मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल पाटीदार समुदाय से आते हैं. इसके अलावा ऋषिकेश पटेल और राघवजी भाई हंसराज पटेल को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है तो मुकेश पटेल और प्रफुल्ल पानसेरिया को राज्यमंत्री बनाया गया है. कैबिनेट में पाटीदार समुदाय से आने वाले मंत्रियों को स्वास्थ्य, परिवार कल्याण एवं चिकित्सा शिक्षा, उच्च एवं तकनीकी, कानून, संसदीय कार्य, कृषि और पशुपालन जैसे भारी भरकम मंत्रालय दिए गए हैं. 

आदिवासी समुदाय को दिया संदेश
गुजरात विधानसभा चुनाव में आदिवासी समाज से मिले रिस्पांस को देखते हुए बीजेपी ने मंत्रिमंडल में उनका खास ख्याल रखा है. आदिवासी समाज के प्रतिनिधित्व को बढ़कर इस बार तीन कर दिया गया है. कुबेर डिंडोर को कैबिनेट तो बच्चूभाई खाबड़ और कुंवरजी हलपति को राज्यमंत्री बनाया गया है. वहीं, मंत्रिमंडल में दलित समुदाय से सिर्फ भानुबेन बाबरिया को जगह मिली है, जिन्हें सामाजिक न्याय, महिला एवं बाल विकास का कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. गुजरात में आदिवासी वोटर काफी अहम हैं और लंबे समय तक कांग्रेस के साथ रहे हैं, लेकिन इस बार बीजेपी को खास सफलता मिली है. ऐसे में उन्हें साधे रखने के लिए तीन नेताओं को कैबिनेट में शामिल किया गया है. 

Advertisement

ओबीसी समुदाय का भी रखा गया ख्याल 
गुजरात में ओबीसी समुदाय कांग्रेस का परंपरागत वोटर रहा है, लेकिन इस बार बीजेपी को खास सफलता मिली है. बीजेपी ने ओबीसी की अलग-अलग जातियों से पांच मंत्री बनाए गए हैं. कोली समाज से आने वाले कुंवरजी बावलिया को कैबिनेट तो पुरुषोत्तम सोलंकी को राज्यमंत्री बनाया गया. ठाकोर समुदाय से आने वाले भीखूसिंह परमार को राज्यमंत्री बनाया गया है तो अहीर समाज से आने वाले मुलोभाई बेरा को कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं. इसके अलावा जगदीश विश्वकर्मा को स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री बनाया गया है. बीजेपी ने इस तरह से ओबीसी की चार जातियों को कैबिनेट में जगह देकर सियासी समीकरण को मजबूत करने का दांव चला है. 

जैन-ब्राह्मण-क्षत्रीय-दलित के एक-एक मंत्री
भूपेंद्र पटेल के मंत्रिमंडल में पाटीदार, ओबीसी और एसटी समुदाय को जहां खास तवज्जो दी गई है तो जैन, ब्राह्मण, दलित और क्षत्रीय समाज का भी ख्याल रखा गया है. ब्राह्मण समुदाय से कैबिनेट में शामिल इकलौते मंत्री बने कनुभाई देसाई हैं, जिन्हें वित्त मंत्रालय का जिम्मा दिया गया है. क्षत्रीय समुदाय से बलवंतसिंह राजपूत को मंत्रिमंडल में जगह मिली है. जैन समुदाय से हर्ष सांघवी को राज्यमंत्री बनाया है, जिन्हें गृह और खेल जैसे विभाग दिए हैं तो दलित समुदाय से भानुबेन बाबरिया को जगह मिली है. भानुबेन बाबरिया दलित के साथ-साथ एकलौती महिला मंत्री भी हैं. 

Advertisement

क्षेत्रीय समीकरण साधने की कवायद
गुजरात में भूपेंद्र पटेल के नए मंत्रिमंडल के जरिए सिर्फ जातीय समीकरण ही नहीं बल्कि क्षेत्रीय बैलेंस भी बनाने की कवायद की गई है. मंत्रिमंडल में सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात को ज्यादा तवज्जो दी गई है. सौराष्ट्र-कच्छ और दक्षिण गुजरात के इलाके से पांच-पांच मंत्री बनाए गए हैं. उत्तरी गुजरात और मध्य गुजरात के क्षेत्र से तीन-तीन मंत्री बने हैं. जिले स्तर पर देखें तो सूरत से सबसे ज्यादा 4 मंत्री बनाए गए हैं. अहमदाबाद-राजकोट-वलसाड जिले से 2-2 मंत्री बने हैं. मेहसाणा, जामनगर, पाटन, द्वारका, माहिसागर, भावनगर, दाहोद, अरावली से एक-एक मंत्री बनाया गया है. 

हार्दिक-अल्पेश-जडेजा को नहीं मिली जगह
गुजरात में भूपेंद्र पटेल की सरकार में पाटीदार आंदोलन का चेहरा रहे हार्दिक पटेल को कैबिनेट में जगह नहीं मिल सकी. वो वीरगाम सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीतकर विधायक बने हैं. ऐसे में कायास लगाए जा रहे थे कि उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा, लेकिन उन्हें मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी गई है. ऐसे ही ओबीसी समुदाय के युवा नेता अल्पेश ठाकोर को भी कैबिनेट में शामिल नहीं किया गया. ये दोनों ही नेता कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए हैं और गुजरात में इनकी अपनी मजबूत पहचान है. इसी तरह से भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी रवींद्र जडेजा की पत्नी रिवाबा जडेजा भी बीजेपी के टिकट पर जीतकर विधायक बनी हैं, लेकिन उन्हें भी कैबिनेट में जगह नहीं मिल पाई. 

Advertisement


 

Advertisement
Advertisement