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गुजरात: फूड कंपनी के टैंक में जहरीली गैस से 2 मजदूरों की मौत, परिजनों ने लगाए गंभीर आरोप

आणंद जिले के खंभात में एकता फ्रेश फूड कंपनी में बड़ा हादसा हुआ है. ईटीपी टैंक की सफाई के दौरान जहरीली गैस की चपेट में आने से दो मजदूरों की मौत हो गई, जबकि दो अन्य घायल हो गए. घायलों का अस्पताल में इलाज जारी है. घटना के बाद परिजनों ने कंपनी प्रबंधन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है. पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर जांच शुरू कर दी है.

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फैक्ट्री में हुए हादसे में 2 लोगों की मौत (Photo: Screengrab)
फैक्ट्री में हुए हादसे में 2 लोगों की मौत (Photo: Screengrab)

गुजरात के आणंद में एकता फ्रेश फूड कंपनी में बड़ा हादसा हो गया. कंपनी के Effluent Treatment Plant (ETP) टैंक की सफाई के दौरान जहरीली गैस की चपेट में आने से दो मजदूरों की मौत हो गई, जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए. 

घायलों को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिनमें से एक को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई है, जबकि दूसरा आईसीयू में भर्ती है. जानकारी के अनुसार कंपनी प्रबंधन ने मजदूरों को ईटीपी टैंक साफ करने के लिए भेजा था. 

जहरीली गैस की चपेट में आने से हुई मौत

जैसे ही दो मजदूर अंदर गए, वो जहरीली गैस की चपेट में आ गए और मौके पर ही गिर पड़े. उन्हें बचाने के लिए दो अन्य मजदूर भी टैंक में उतरे, लेकिन वो भी बेहोश हो गए. इस हादसे के बाद कंपनी परिसर में अफरा-तफरी मच गई. सभी को तुरंत खंभात के सरकारी अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने दो मजदूरों को मृत घोषित कर दिया.

इस घटना ने कंपनी प्रबंधन की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं. मृतक मजदूरों के परिजनों ने कंपनी पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है और गुस्सा जाहिर किया है. खंभात पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. 

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फूड कंपनी में हादसे की जांच

मामले की जांच की जा रही है. खंभात डिप्टी एसपी एस. बी. कुम्पावत ने बताया, 'फूड कंपनी में हादसे में दो लोगों की मौत हुई है और दो घायल हुए हैं, एक मजदूर को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है, जबकि दूसरे की हालत भी स्थिर है. मामले की जांच जारी है.'

विशेषज्ञों के अनुसार ईटीपी प्लांट में जहरीली गैसें जैसे हाइड्रोजन सल्फाइड और मीथेन अक्सर बनती हैं, जिनसे मजदूरों को गंभीर खतरा रहता है. ऐसे में बिना सुरक्षा किट के मजदूरों को टैंक में भेजना जानलेवा साबित हो सकता है. हादसे ने एक बार फिर से औद्योगिक इकाइयों में मजदूरों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
 

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