scorecardresearch
 

'घर की इज्जत सलामत नहीं, गेहूं किस काम का'

एक शिविर में शीला दीक्षित ने लोगों की समस्याएं सुनने की बजाय फूड सिक्योरिटी बिल का गुणगान किया. जबाव में एक महिला ने मंच पर आकर कहा कि गेहूं लेकर क्या करेंगें जब घर की इज्जत ही सलामत ना हो.

Advertisement
X

यमुना स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स में समयबद्ध शिविर में दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने लोगों की समस्याएं सुनने की बजाय फूड सिक्योरिटी बिल का गुणगान किया. इसके जबाव में आरडब्लूए की एक सदस्य ने मंच पर आकर कहा कि गेहूं लेकर क्या करेंगें जब घर की इज्जत ही सलामत ना हो.

बीते दो रविवार से लगातार समयबद्ध जागरूकता शिविर लगा रही दिल्ली की सीएम शीला दीक्षित इस बार यमुना स्‍पोर्टस कॉम्‍प्‍लेक्‍स में खुद नजर आई. अमूमन ऐसे कार्यक्रम में शीला के भाषण के बाद आम लोग अपनी पेरशानियां बताते हैं. सबकुछ वैसा ही चल रहा था कि अचानक सीएम उठकर आयीं और केन्‍द्र सरकार के फूड सिक्‍योरिटी बिल के बारे में बताने लगी.  शीला दीक्षित का इरादा था लोगों के मन में इस योजना के जरिए सरकार की छवि को और बेहतर बनाना. लेकिन एक महिला ने शीला समेत वहां मौजूद सभी नेताओं को चौंका दिया.

आरडब्लूए सदस्य नीरा शर्मा ने मंच पर आकर माइक पर जमकर खरी-खोटी सुनाई. उनका कहना था कि 'एक तरफ आप 2 रुपए किलो गेहूं और चावल देने की बात कर रही हैं, चावल और गेहूं लेकर क्या करेंगें जब घर की इज्जत ही सलामत ना हो. अगर आप राजा है तो हम प्रजा है महिलाओं की सुरक्षा पर ध्यान दें.'
 
यही नहीं आनन-फानन में महिला के माइक का कनेक्शन भी काट दिया गया. दरअसल सरकार को लग रहा है कि फूड सिक्योरिटी बिल की धमक के आगे भ्रष्टाचार समेत तमाम मुद्दे दब जाएंगे. लेकिन आम लोगों ने ही सरकार की मुखिया को आईना दिखाने की कोशिश की और जता दिया कि दूसरे अहम मुद्दों से लोगों को ध्यान भटकाना सरकार के लिए इतना आसान नहीं.

Advertisement
Advertisement