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शीला सरकार की वोट-बैंक लुभावन नीति हुई तेज

दिल्ली सरकार ने एक तरफ तो अवैध कॉलोनियों को रेगुलराइज़ करने की प्रक्रिया शुरू कर दी, तो दूसरी तरफ इन कॉलोनियों में बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने का काम भी शुरू कर दिया.

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शीला दीक्षित
शीला दीक्षित

शीला सरकार की वोट-बैंक लुभावन विकास नीति और तेज़ हो चुकी है. हाल ही में दिल्ली सरकार ने एक तरफ तो अवैध कॉलोनियों को रेगुलराइज़ करने की प्रक्रिया शुरू कर दी, तो दूसरी तरफ इन कॉलोनियों में बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने का काम शुरू कर दिया और ये काम सौंपा गया है डीएसआईआईडीसी को.

सोनिया विहार के ई-ब्लॉक की गलियां और नालियां बदतर हालात में हैं. अवैध कॉलोनी होने के चलते ये इलाका बुनियादी सुविधाओं के लिए तरसता रहा है. लेकिन ऐन चुनाव मौके पर सही, दिल्ली सरकार को इस वोट-बैंक की याद ज़रूर आई है. डीएसआईआईडीसी यानी Delhi State Industrial and Infrastructure Development Corporation ने सड़क और नालियों को बनाने का काम शुरू कर दिया है.

दिल्ली की 371 अवैध कॉलोनियों में ये विकास कार्य जारी है. डीएसआईआईडीसी के मुताबिक अब तक 800 किलोमीटर सड़कें और 1500 किमी लंबी नालियां तैयार कर दी गई हैं. इन अवैध कॉलोनियों में विकास के लिए 1334 करोड़ रुपये खर्च किये जा चुके हैं. इसके अलावा 278 करोड़ रुपये का विकास कार्य अभी भी कॉलोनियों में जारी है. लेकिन क्या ये विकास कार्य इन कॉलोनियों के लिए काफी हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि कोई काम नहीं हैं, पास हो जाती हैं, सालों से काम पड़ा है.

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चुनाव से ठीक पहले वोट-बैंक लुभावन नीतियों के बावजूद लोगों को गुस्सा यूं ही नहीं है. दरअसल काम हो तो रहा है लेकिन बेहद धीमी रफ्तार से. महीनों से सड़क और गलियां खुदी पड़ी है. नालियां बनी तो हैं लेकिन फिर से मलबे से जाम हो चुकी हैं. साथ ही निर्माण कार्यों में बेहतर प्लानिंग की कमी भी साफ दिखाई देती है.

इन अवैध कॉलोनियों में ये विकास कार्य ऊंट के मूंह में जीरे की तरह दिखाई देता है. जहां काम हो भी रहा है वो भी मुसीबत बन गया है. यहां ये सड़क इतनी ऊंची बना दी गई है. कि आसपास के घरों का लेवल काफी नीचे हो चुका है और ऊपर ये बिजली के हाईटेंशन तार एक और मुसीबत खड़ी कर रहे हैं.

हालांकि डीएसआईआईडीसी का दावा है कि विकास कार्यों की गुणवत्ता की देखरेख का काम एक इंडिपेंडेंट एजेंसी को सौंपा गया है. लेकिन क्य़ा ये काम जनता की उम्मीदों पर खरा उतरेगा या नहीं इसका फैसला जनता चुनावों में जरूर करेगी.

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