
दिल्ली के तिहाड़ में सजा काट रहे कैदी अब दूसरों के जीवन में रंग भर रहे हैं. दरअसल तिहाड़ में बंद कैदी होली त्योहार के लिए हर्बल गुलाल बना रहे हैं. जिसे बाजार में आम लोगों को बेचा जा रहा है. जेल में बंद कैदी अपने इस काम से बेहद खुश हैं. डीजी तिहाड़ संदीप गोयल के मुताबिक जेल नम्बर 5 में आम लोगों की रोजमर्रा की जरूरतों का सामान बनाने के लिए फैक्ट्री लगाई गई है. जिसमें जेल के ही कैदी काम करते हैं.
हालांकि ऐसा भी नहीं है कि जेल में बंद सभी कैदी ऐसा कर पा रहे हैं. यह मौका 18 साल से 20 साल के कैदियों को ही दिया जा रहा है. हर्बल गुलाल बनवाने के पीछे मकसद ये है कि वो जेल में रह कर ही मेनस्ट्रीम से जुड़ सकें और जेल में बंद रहने के दौरान कमाई भी कर सकें. ताकि जब वो जेल से बाहर जाएं तो उनके पास अपनी खुद की और अपने परिवार की जिंदगी को पटरी पर लाने के लिए जेब में पैसे भी हों.

इस फैक्ट्री में तैयार हुआ हर्बल गुलाल, अब जेल से बाहर निकल कर मुख्य बाजारों में बिक रहा है. डीजी तिहाड़ ने दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट और दिल्ली सचिवालय के पास 2 स्टॉल का उदघाटन किया है. जहां जेल में बनाए गए होली के लिए गुलाल और रंग बिक रहे हैं. आम लोगों के बीच इसकी डिमांड भी बढ़ रही है.
तिहाड़ में बने 100 ग्राम हर्बल गुलाल की कीमत 50 रुपये है. वहीं हाथ धोने के लिए एक पीस साबुन की कीमत 50 रुपये है. इसके अलावा इन स्टॉल पर रूम फ्रेशनर, हैंड वॉश और शैम्पू भी सस्ते दाम में मिल जाएगा. ये सभी सामान जेल में बंद कैदी ही बना रहे हैं.
इसके अलावा जेल में बने प्रोडक्ट का बड़ा शो रूम आम लोगों के लिए तिहाड़ जेल के कैम्पस में भी लगाया गया है. जिसे तिहाड़ हाट के नाम से जाना जाता है.