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स्मॉग-फॉग और सांसों में घुलता जहर... नवंबर शुरू होते ही फिर धुआं-धुआं दिल्ली-NCR, 15 दिन में ऐसे बिगड़ते गए हालात

दिल्ली-एनसीआर में धुंध और धुंआ से हाल-बेहाल हैं. पिछले दो हफ्ते से वायु प्रदूषण ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में रहने वालों की टेंशन बढ़ा दी है. इस जहरीले धुएं से बड़ी संख्या में लोग बीमार भी रहे हैं और अस्पताल में पहुंच रहे हैं. सांस लेने में दिक्कत हो रही है. लोग बाहर कम निकल रहे हैं. केंद्र सरकार के प्रदूषण नियंत्रण आयोग ने गैर-जरूरी निर्माण और डीजल से चलने वाले ट्रकों के राजधानी में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दे दिया है.

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दिल्ली में लगातार प्रदूषण बढ़ने से ग्रैप-3 लागू कर दिया गया है.
दिल्ली में लगातार प्रदूषण बढ़ने से ग्रैप-3 लागू कर दिया गया है.

दिल्ली-NCR में दमघोंटू एयर पॉल्यूशन से हालात बिगड़ गए हैं. आसमान में धुएं की धुंध छाई है. सांस लेना मुश्किल हो गया है. आंखों और सीने में जलन की शिकायतें आ रही हैं. गुरुवार को पूरे दिन आसमान में धुंध छाई रही. शुक्रवार सुबह से भी यही हालात हैं. सर्दी के साथ वायु प्रदूषण की एंट्री ने पहले से बीमार लोगों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं. इस बीच, दिल्ली में सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूल अगले दो दिन के लिए बंद कर दिए गए हैं. ये स्कूल में शुक्रवार और शनिवार तक ऑनलाइन रहेंगे और वर्चुअल क्लास लगाई जाएंगी.

बता दें कि दिल्ली-एनसीआर में करीब 15 दिन से वायु प्रदूषण की समस्या बनी हुई है. पिछले चार दिन से हालात बिगड़ना शुरू हो गए और नवंबर की शुरुआत से आसमान में पॉल्यूशन की धुंध छाई हुई है. विजिबिलिटी घट गई है. सूरज छिप गया है. इसके पीछे पराली जलाने और बदलते मौसम को कारण बताया है. डॉक्टर्स ने सांस संबंधी समस्याओं के बारे में अलर्ट जारी किया है.

'अगले दो दिन और बिगड़ेंगे हालात'

दिल्ली में AQI बुधवार को 364, मंगलवार को 359, सोमवार को 347, रविवार को 325, शनिवार को 304 और शुक्रवार को 261 दर्ज किया गया था. इतना ही नहीं, एक्सपर्ट ने दिल्ली-एनसीआर को लेकर एक और अलर्ट जारी किया. इसमें बताया कि अगले दो दिन में हालात और बिगड़ेंगे. राष्ट्रीय राजधानी के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) पहले ही 400 अंक को पार कर 'गंभीर' श्रेणी में पहुंच गया है. वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने कहा, अत्यधिक प्रतिकूल मौसम और जलवायु परिस्थितियों के कारण प्रदूषण का स्तर और बढ़ेगा.भारत मौसम विज्ञान विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सुबह 7 बजे के आसपास सफदरजंग वेधशाला में विजिबिलिटी घटकर सिर्फ 500 मीटर रह गई. दिन के दौरान तापमान बढ़ने के साथ धीरे-धीरे सुधरकर 800 मीटर हो गई.

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'दिल्ली में गैर जरूरी निर्माण पर रोक'

गंभीर वायु प्रदूषण के कारण दिल्ली-एनसीआर में गैर-जरूरी निर्माण पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. अधिकारियों का कहना है कि स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा करने वाली समस्या से निपटने के लिए तेजी से कार्रवाई की जा रही है और महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं. केंद्र के प्रदूषण नियंत्रण पैनल ने क्षेत्र में गैर-आवश्यक निर्माण कार्य, पत्थर तोड़ने और खनन पर तत्काल प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है. दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर में बीएस III पेट्रोल और बीएस IV डीजल चार पहिया वाहनों के चलने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है.

'अगले दो दिन तक स्कूल बंद रहेंगे'

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की कि प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए शहर के सभी सरकारी और निजी प्राथमिक विद्यालय अगले दो दिनों तक बंद रहेंगे. ऑनलाइन क्लासेज लगाई जाएंगी. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने स्थिति की समीक्षा के लिए शुक्रवार को इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है.

'दिल्ली में GRAP III लागू'

दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण कंट्रोल के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) का चरण III लागू है. यह चरा सर्दियों के मौसम के दौरान क्षेत्र में लागू किया जाता है. GRAP को चार चरणों में बांटा गया है. चरण I - 'खराब' (AQI 201-300), स्टेज II - 'बहुत खराब' (AQI 301-400), स्टेज III - 'गंभीर' (AQI 401-450), और स्टेज IV - 'गंभीर प्लस' (AQI 450 से ऊपर). इन स्थानों पर पीएम 2.5 (सूक्ष्म कण जो सांस लेने पर श्वसन प्रणाली में गहराई तक प्रवेश कर सकते हैं और श्वसन संबंधी समस्याएं पैदा कर सकते हैं) की सांद्रता 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की सुरक्षित सीमा से छह से सात गुना अधिक रही है.

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प्रदूषण
राजधानी नई दिल्ली में धुएं की धुंध छाई हुई है. वैज्ञानिकों ने प्रदूषण बढ़ने का अलर्ट जारी किया है. (फोटो-पीटीआई)

'पड़ोसी राज्यों में हवा खराब'

शहर का एक्यूआई रात 10 बजे गिरकर 422 पर पहुंच गया, जो इस सीजन में अब तक का सबसे खराब स्तर है. सिर्फ दिल्ली ही नहीं, पड़ोसी राज्य हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कई शहरों में भी खतरनाक हवा की खबर है. इनमें राजस्थान के हनुमानगढ़ (438), श्रीगंगानगर (359), हरियाणा के हिसार (414), फतेहाबाद (423), जिंद (413), रोहतक (388), सोनीपत (374), कुरूक्षेत्र (343), करनाल (343), कैथल (379), भिवानी (355), फरीदाबाद (368) और गुरूग्राम (297), उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद (286), नोएडा (313) और ग्रेटर नोएडा (402) में AQI दर्ज किया गया.

शून्य से 50 के बीच AQI को 'अच्छा', 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 और 200 के बीच 'मध्यम', 201 और 300 के बीच 'खराब', 301 और 400 के बीच 'बहुत खराब' और 401 और 500 के बीच 'गंभीर' माना जाता है.

'दिल्ली में 15 सूत्रीय एक्शन प्लान लागू'

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री राय ने बुधवार को बताया कि सरकार उन क्षेत्रों में निर्माण कार्य पर प्रतिबंध लगाएगी, जहां लगातार पांच दिनों तक AQI 400 अंक से ऊपर रहेगा. दिल्ली सरकार ने सर्दियों के मौसम के दौरान वायु प्रदूषण को कम करने के लिए पिछले महीने 15-सूत्रीय कार्य योजना शुरू की, जिसमें धूल प्रदूषण, वाहन उत्सर्जन और कचरा जलाने पर रोक लगाई गई है. पिछले तीन वर्षों से दिल्ली सरकार शहर में पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर बैन लगा रही है.

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'एक हजार सीएनजी बसें किराए पर लेने की तैयारी'

इसके अलावा, वाहन प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए 'रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ' अभियान शुरू किया है. सार्वजनिक परिवहन को मजबूत करने और वाहन प्रदूषण को कम करने के लिए 1,000 निजी सीएनजी बसें किराए पर लेने की योजना बनाई गई है. पुणे के आईआईटीएम ने एक दिल्ली में प्रदूषण की दो वजहें बताई हैं. मॉडल-आधारित प्रणाली के अनुसार, दिल्ली में वायु गुणवत्ता खराब करने में वर्तमान में वाहन उत्सर्जन (11 प्रतिशत से 16 प्रतिशत) और पराली जलाना (सात प्रतिशत से 16 प्रतिशत) है.

दिल्ली मेट्रो आज से 20 एक्स्ट्रा फेरे लगाएगी

दिल्ली और पड़ोसी शहरों में ज्यादा से ज्यादा लोगों को सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने के लिए दिल्ली मेट्रो तीन नवंबर से 20 एक्स्ट्रा फेरे लगाएगी. दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) शाम 5 बजे 402 पर था. डीएमआरसी ने एक बयान में कहा, दिल्ली में प्रदूषण से निपटने के लिए जीआरएपी-III चरण लागू किया गया है. ऐसे में लोगों की यात्रा सुलभ बनाने के लिए डीएमआरसी 3 नवंबर 2023 (शुक्रवार) से अपने नेटवर्क में 20 एक्स्ट्रा फेरे लगाएगी. दिल्ली मेट्रो पहले से ही 25 अक्टूबर से कार्य दिवसों (सोमवार-शुक्रवार) पर 40 एक्स्ट्रा फेरे लगा रही है. आगे कहा गया है, शुक्रवार से डीएमआरसी दिल्ली-एनसीआर में अधिक से अधिक लोगों को सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए जीआरएपी के तहत किए गए अपने उपायों के तहत कुल 60 एक्स्ट्रा फेरे लगाए जाएंगे.

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'ब्रोंकाइटिस मरीजों की संख्या बढ़ रही'

हेल्थ एक्सपर्ट ने बताया कि वायु प्रदूषण बच्चों और बुजुर्गों में अस्थमा और फेफड़ों की समस्याएं बढ़ा रहा है. सफदरजंग अस्पताल में मेडिसिन विभाग के प्रमुख जुगल किशोर ने कहा, चिड़चिड़ापन वाले ब्रोंकाइटिस संक्रमणों (यह वायरल संक्रमण फेफड़ों के निचले श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है) की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है.यह सिफारिश की जाती है कि क्रोनिक ब्रोंकाइटिस और अस्थमा जैसी श्वसन समस्याओं से पीड़ित लोग अपनी दवाएं नियमित रूप से लें और जब तक बहुत जरूरी न हो, खुले में न जाएं. उन्होंने लोगों को अपने घरों में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करने की सलाह दी.

प्रदूषण

दिल्ली राज्य कैंसर संस्थान की एचओडी क्लिनिकल ऑन्कोलॉजी डॉ. प्रज्ञा शुक्ला का कहना है कि वायु प्रदूषण के स्तर के कारण लोगों को आंखों में जलन, पानी आना, सिरदर्द और थकान जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है... इसके दीर्घकालिक दुष्प्रभाव होंगे.

वायु प्रदूषण के मनोवैज्ञानिक पहलू की जांच की जरूरत: एनजीटी

राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने कहा है कि राष्ट्रीय राजधानी में हवा की गुणवत्ता में गिरावट के 'मनोवैज्ञानिक पहलू' की जांच की जानी चाहिए. एनजीटी ने केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं पर्यावरण मंत्रालय समेत सरकारी प्राधिकारियों से जवाब मांगा है. एनजीटी अध्यक्ष जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव की बेंच ने कहा, वायु प्रदूषणकारी घटकों और मानव शरीर के विभिन्न अंगों पर उनके प्रतिकूल प्रभाव को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त उपायों की आवश्यकता है. विशेष रूप से वे जो मस्तिष्क और भावनात्मक रूप से मनोवैज्ञानिक पहलू को प्रभावित कर रहे हैं. बेंच ने कहा, हालांकि मस्तिष्क समेत शरीर के विभिन्न अंगों पर प्रभाव के संबंध में 'स्पेसिफिक इशू' की अलग से जांच करने की आवश्यकता है.

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'वायु प्रदूषण से 2019 में 16 लाख मौतें'

ग्लोबल ऑब्जर्वेटरी के शोधकर्ताओं के एक नए अध्ययन के अनुसार, भारत में वायु प्रदूषण के कारण 2019 में 16 लाख मौतें हुईं, जो दुनिया के किसी भी देश में प्रदूषण से संबंधित मौतों का सबसे बड़ा आंकड़ा है. वायु प्रदूषण से 36.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर का आर्थिक नुकसान हुआ. 

'दिल्ली-एनसीआर में बारिश ना होने से बढ़ा प्रदूषण'

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2023 में दिल्ली की वायु गुणवत्ता 2020 के बाद से सबसे खराब थी. इसके लिए मौसम वैज्ञानिकों ने बारिश ना होने को भी जिम्मेदार ठहराया है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, राजधानी में अक्टूबर में एक्यूआई 210 दर्ज किया गया था, जबकि पिछले साल अक्टूबर में 210 और अक्टूबर 2021 में 173 था. दिल्ली में बारिश के आंकड़े देखे जाएं तो अक्टूबर 2022 (129 मिमी), अक्टूबर 2021 (123 मिमी) के विपरीत अक्टूबर 2023 में सिर्फ एक दिन बारिश (5.4 मिमी वर्षा) हुई है.

'सर्दियों में ये फैक्टर भी बढ़ाते हैं प्रदूषण'

दिल्ली-एनसीआर में पटाखों से होने वाला धुआं, धान की पराली जलाने और स्थानीय प्रदूषण सोर्स को भी प्रदूषण के लिए जिम्मेदार बताया गया है. सर्दियों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में यही खतरनाक वायु गुणवत्ता की वजह बनते हैं. दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के एक एनालिसिस के अनुसार, राजधानी में 1 नवंबर से 15 नवंबर तक प्रदूषण हाई लेवल पर होता है. चूंकि इसी समय पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने के मामलों की संख्या बढ़ जाती है. सीएक्यूएम ने बताया कि 15 सितंबर के बाद से पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में क्रमश: करीब 56 प्रतिशत और 40 प्रतिशत की कमी आई है.

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'तीन दिन में जबरदस्त उछाल आया'

हालांकि, इन राज्यों में पिछले तीन दिनों में खेतों में आग लगने की घटनाओं में जबरदस्त उछाल देखा गया है. पंजाब सरकार का लक्ष्य इस सर्दी के मौसम में खेत की आग को 50 प्रतिशत तक कम करना और छह जिलों में पराली जलाने को खत्म करना है. धान की पुआल जलाने पर रोक लगाने के लिए पंजाब की कार्य योजना के अनुसार, राज्य में करीब 31 लाख हेक्टेयर भूमि पर धान की खेती होती है, जिससे लगभग 16 मिलियन टन धान की पुआल (गैर-बासमती) उत्पन्न होने की उम्मीद है.

हरियाणा का अनुमान है कि राज्य में लगभग 14.82 लाख हेक्टेयर भूमि धान की खेती के अंतर्गत है, जिससे 7.3 मिलियन टन से अधिक धान का भूसा (गैर-बासमती) उत्पन्न होने की उम्मीद है. राज्य इस वर्ष खेत की आग को लगभग खत्म करने का प्रयास कर रहा है.

मौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली में अगले तीन दिनों में हल्का कोहरा छाया रहेगा. भारत मौसम विज्ञान विभाग ने एक बुलेटिन में कहा, शाम 5.30 बजे आर्द्रता 70 प्रतिशत थी. गुरुग्राम जिला मजिस्ट्रेट ने शहर में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए आपराधिक प्रक्रिया अधिनियम, 1973 की धारा 144 के तहत एक आदेश जारी किया है. गुरुग्राम के सभी क्षेत्रों में कचरा, पत्तियां, प्लास्टिक और रबर जैसे अपशिष्ट पदार्थ जलाने पर सख्ती से रोक लगाई गई है.

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