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सागर हत्याकांड: न्यायिक हिरासत में भेजे गए छह आरोपी, सुशील-अजय से पुलिस कस्टडी में पूछताछ

दिल्ली पुलिस ने सागर हत्याकांड मामले में गिरफ्तार छह आरोपियों को कोर्ट में पेश किया. जिसके बाद कोर्ट ने इन सभी आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया. हालांकि सुशील और अजय से फिलहाल पुलिस कस्टडी में ही पूछताछ की जा रही है.

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पुलिस कस्टडी में रहेगा सुशील कुमार (फाइल फोटो)
पुलिस कस्टडी में रहेगा सुशील कुमार (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कोर्ट में पेश किए गए सागर हत्याकांड के छह आरोपी
  • सभी को न्यायिक हिरासत में भेजा गया
  • सुशील कुमार अभी पुलिस कस्टडी में रहेंगे

दिल्ली पुलिस ने सागर हत्याकांड मामले में गिरफ्तार छह आरोपियों को कोर्ट में पेश किया. जिसके बाद कोर्ट ने इन सभी आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया. हालांकि सुशील और अजय से फिलहाल पुलिस कस्टडी में ही पूछताछ की जा रही है. इस केस में अब तक नौ लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. इससे पहले शनिवार को रोहिणी कोर्ट ने सुशील को चार दिन की पुलिस रिमांड में भेजा था. हालांकि दिल्ली पुलिस ने 7 दिनों की रिमांड मांगी थी. 

लेकिन रोहिणी कोर्ट ने पहलवान सुशील कुमार की 4 दिन की कस्टडी पुलिस को दी. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया कि हर 24 घंटे के भीतर एक बार सुशील कुमार का मेडिकल कराया जाएगा. सुशील कुमार के वकील पुलिस कस्टडी में उससे मिल सकते हैं.

सुनवाई के दौरान सुशील कुमार के वकील प्रदीप राणा ने कहा कि लोकल पुलिस ने कैसे बिना कोर्ट की इजाज़त के क्राइम ब्रांच को सुशील की कस्टडी दे दी. पुलिस ने 6 दिन की कस्टडी में क्या किया कोर्ट को बताए. सोशल मीडिया पर चल रहा है कि पुलिस के पास वारदात का वीडियो है और मोबाइल है, ये वीडियो मीडिया को क्यों दिया गया.

सुशील कुमार के वकील ने आगे कहा कि बाकी आरोपी पहले ही पकड़े गए हैं, पहले उनके साथ बिठाकर सुशील के साथ पूछताछ करने से किसने रोका था. क्या सुशील कुमार की लाइसेंसी पिस्टल का प्रयोग इस वारदात में हुआ है, उसे क्यों सीज किया गया? क्या छत्रसाल स्टेडियम के लोगों को डीवीआर देने के लिए पुलिस ने कोई नोटिस दिया है. वो सुशील की संपत्ति नहीं है, सरकारी है!

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वकील ने कहा कि सुशील कुमार को आगे पुलिस कस्टडी में नहीं भेजा जाना चाहिए. इनके पास कस्टडी को कोई ग्राउंड नहीं है. मीडिया में पब्लिसिटी के लिए कस्टडी मांगी जा रही है. सुशील के वकील ने ये भी कहा कि पुलिस को जो वीडियो मिला है उससे छेड़छाड़ हो सकती है, सीडी को प्रिजर्व किया जाए, उसमें कोर्ट के साइन हों.

इस बीच दिल्ली पुलिस के वकील ने कहा कि पुलिस आरोपी पर कोई दवाब नहीं डालती, आरोपी पर निर्भर करता है कि वो जांच में किस तरह का सहयोग कर रहा है. दिल्ली पुलिस कमिश्नर को ये पूरा अधिकार है को किस यूनिट को जांच दें, या केस के जांच अधिकारी को कभी भी बदल सकते हैं. दिल्ली पुलिस के वकील ने कहा कि बचाव पक्ष के वकील ये ये तय नहीं कर सकते कि जांच कैसी हो.

 

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