राजधानी दिल्ली में नगर निगम ने रेस्टोरेंट को लेकर एक नया प्रस्ताव पास किया है. ये प्रस्ताव पास किया है उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने. इस प्रस्ताव के तहत अब रेस्टोरेंट में ग्राहकों को थाली में जो मीट परोसा जा रहा है, उसकी जानकारी नगर निगम को देनी होगी. ये नियम उत्तरी दिल्ली नगर निगम के दायरे में आने वाले सभी रेस्टोरेंट पर लागू होगा. अब रेस्टोरेंट के बाहर उन्हें ये लिखना जरूरी होगा कि वो जो मीट परोस रहे हैं, वो झटके का है या फिर हलाल का.
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मेयर जय प्रकाश ने बताया कि कुछ लोग हलाल और झटके से परहेज करते हैं. किसी को झटके का पसंद है तो किसी को हलाल का. और ये लोगों को जानने का हक है कि वो जो खा रहे हैं वो हलाल है या झटका. सिख समुदाय की तरफ से ये मांग सालों से की जा रही थी. उनके यहां नियम है कि वो हलाल मीट नहीं खा सकते. तो वहीं, दूसरी तरफ मुस्लिम समुदाय में झटके का मीट नहीं खाया जाता. ऐसे में हर धर्म के लोगों को यह मौलिक अधिकार है ये जानने का कि वो कौन सा मीट खा रहे हैं, क्योंकि हमारा देश धर्मनिरपेक्ष देश है.
उत्तरी दिल्ली नगर निगम में ये प्रस्ताव पास होने के बाद अब पूरे दिल्ली में रेस्टोरेंट के लिए ये नियम लागू हो गया है. इससे पहले दक्षिणी दिल्ली और पूर्वी दिल्ली नगर निगम 2018 में ही इस प्रस्ताव को पास कर चुकी है.
90% रेस्टोरेंट में परोसा जाता है मीट
दिल्ली नगर निगम में कुल 272 वार्ड हैं, जिनमें से 104 वार्ड उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अंदर हैं और 104 दक्षिण दिल्ली नगर निगम में. उत्तरी दिल्ली के 104 वार्ड में से 90% रेस्टोरेंट में नॉनवेज परोसा जाता है. भले ही अभी उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने ये प्रस्ताव पास कर दिया है, लेकिन इससे जुड़े नियम और कानून अभी जारी नहीं किए हैं.