3600 करोड़ रुपये की वीवीआईपी हेलीकॉप्टर डील में फंसे पूर्व एयर चीफ मार्शल एसपी त्यागी और उनके भाइयों पर शक है कि रिश्वत की एक बड़ी रकम उन्हें हवाला के जरिए हिंदुस्तान में मिली थी.
एक लाख 86 हजार करोड़ के 2जी घोटाले में जेल गए पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा के तार कुछ ऐसे लोगों से जुड़े थे, जो हवाला कारोबार में शामिल थे. सूत्रों के मुताबिक, 2जी घोटाले में 100 करोड़ से ज्यादा रकम मॉरिशस से हवाला के जरिए भारत आई और रिश्वत में इस्तेमाल हुई.
डीएमके के एक और नामी मंत्री दयानिधि मारन की भी अब प्रवर्तन निदेशालय जांच कर रहा है कि क्या अरबों रुपये की एयरसेल-मैक्सिस डील में दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों से हवाला के जरिए पैसों का लेन-देन हुआ था?
कॉमनवेल्थ गेम्स में नायक से खलनायक बने सुरेश कलमाड़ी को लेकर अभी भी खुफिया एजेंसियां ये जांच कर रही हैं कि क्या यूरोप की कंपनियों ने हवाला के जरिए कलमाडी की मुट्ठी गरम की थी?
बदल गई है रिश्वतखोरी की शक्ल
करोड़ों-अरबों का कोई भी ठेका हो या डील, नेता-अफसर और बड़े ठेकेदार अब रिश्वत की लेनदेन सूटकेस में नहीं, बल्कि सात समंदर पार हवाला नेटवर्क से करते है. देश को भ्रष्टाचार के दलदल में धकेलने वाला यह धंधा पहली बार टेलीविजन पर आजतक चैनल के जरिए बेनकाब हो रहा है.
हवाला के इस धंधे को समझते तो बहुत लोग हैं, लेकिन पहली बार किसी खुफिया कैमरे ने इस गोरखधंधे को रिकॉर्ड किया है. हवाला रैकेट का बड़ा कारोबार हिंदुस्तान की राजधानी दिल्ली से चल रहा है. न कोई खाता-बही, न कोई हिसाब-किताब, न इनकम टैक्स, न इन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट. बस हवाला के खिलाड़ी करोड़ों का काला धन एक झटके में देश के किसी हिस्से में पहुंचा देते हैं.
आजतक के अंडरकवर रिपोर्टर ने इस सच्चाई को बेपरदा किया है कि कैसे दिल्ली में धड़ल्ले से चल रहा है हवाला रैकेट और कैसे एक दिन में सैकड़ों-करोडों के वारे-न्यारे हो जाते हैं.
धंधा है पर गन्दा है, लेकिन ज़रा यह देखिए कि धंधा आखिर किसकी नाक के नीचे हो रहा है...
--दिल्ली का दिल रायसीना हिल और नॉर्थ ब्लाक, जहां वित्त मंत्रालय है, जिसमें तमाम जांच एजेंसियों के बिग बॉस बैठते है.
--झंडेवालान में इनकम टैक्स का इन्वेस्टिगेशन का दफ्तर, जो हर काले धन पर बारीक निगाह रखता है.
--संसद मार्ग पर रिज़र्व बैंक का मुख्यालय, जिसका काम पैसों के हर बड़े लेन-देन की खबर रखना है.
--खान मार्केट के बराबर में है ईडी का निदेशालय और अकबर रोड पर ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय का जोनल दफ्तर. ईडी का काम है देश से विदेश भेजे जा रहे हवाला के पैसे पर कार्रवाई करना.
--आईटीओ पर दिल्ली पुलिस का मुख्यालय. पुलिस का काम तो जनता जानती ही है. इन दफ्तरों और इन इलाकों में क़ानून ताक पर रखकर कालेधन का काला कारोबार डंके की चोट पर जारी है.
इस धंधे में डरना है मना...
सरकार की नाक के नीचे और दर्ज़नभर जांच एजेंसियों के साए में देश की राजधानी दिल्ली में करोड़ों-अरबों का हवाला व्यापार खुलेआम ज़ारी है और कोई रोकने-टोकने वाला नहीं है. ताश की गड्डी की तरह हज़ार-हज़ार रुपये की गड्डियां गली-गली फेंटी जा रही हैं और मिनटों में रकम दुबई से लेकर अमेरिका तक ट्रांसफर हो रही है. किसका पैसा है, कहां जा रहा है, कौन भेज रहा है, किसको मिल रहा है, ये राज़ सिर्फ इन हवाला ऑपरेटरों को मालूम है, पर आखिर नोट की गर्मी यहां इतनी ज्यादा है कि इनसे पूछेगा कौन?
लेकिन दिल्ली आजतक की इन्वेस्टिगेशन टीम उस धंधे का राज़ खोल रही है, जो देश की आर्थिक कमर तोड़ रहा है. एक ऐसा धंधा, जो हर नज़र और नीयत से काला है और धंधा करने वाले ऐसे हैं, जिन्हें किसी का डर नहीं है.
खुफिया कैमरे में कैद हुआ गंदा धंधा
आजतक के अंडरकवर रिपोर्टर ने हवाला रैकेट चलाने वालों का सच खुफिया कैमरे से बेपरदा किया. चांदनी चौक से फतेहपुरी तक हवाला के कारोबारी ऐक्टिव हैं. काले धन को पलक झपकते ही दुबई और हांगकांग तक पहुंचा देते हैं हवाला के रास्ते.
दुनिया के किसी भी कोन में, किसी भी वक्त, कितनी भी रकम पहुंचानी हो, तो कोई खंजन भाई से मिल सकता है. पलभर में वो हवाला से पैसों का लेन-देन करवा देते हैं.
आजतक के अंडर कवर रिपोर्टर बिल्डर बनकर खंजन भाई के पास पहुंचे और हर महीने एक करोड़ रुपये दिल्ली दुबई पहुंचाने की डील की बात की. हवाला करोबारियों से सीधे डील करना आसान नहीं, इसलिए अडंरकवर रिपोर्टर ने एक सूत्र के मार्फत खंजन भाई से संपर्क साधा. हवाला के जारिए हर महीने एक करोड़ रुपये भेजने की बात की गई, तो खंजन भाई झट से मान गए और उन्होंने पुरानी दिल्ली में बैठे-बैठे यह भी खुलासा कर दिया कि इस घंघे के लिए उनका दुबई में बाकायदा एक ऑफिस है.
बातों-बातों में खंजन भाई से पूछा गया कि करोड़ों रुपये, वह भी नंबर-दो के, अगर उनके दुकान पर लाकर केश देंगे, तो ऐसा न हो कि इनकम टैक्स का पंगा पड़ जाए. उन्होंने कहा कि इन बातों का तो कोई डर नहीं है.
चांदनी चौक के एक और हवाला ऑपरेटर की हकीकत जान लीजिए. फर्म का नाम है मरुधर एक्सप्रेस सर्विस. यूं तो इनकी सर्विस मुंबई और हैदराबाद में पैसों के लेन-देन की है, लेकिन अगर आप किसी सूत्र के जारिए मिलें, तो हवाला की सर्विस भी हाज़िर है.
हवाला ऑपरेटर से पूछा गया कि चांदनी चौक इलाके में रोज़ाना कितने रुपये का हवाला करोबार होता है? ऑपरेटर का कहना था कि गली का हर हवाला करोबारी रोज़ना कम से कम एक करोड़ का धंधा करता है और पूरे गली में 200-300 करोड़ रुपये का हवाला कारोबार रोज़ाना होता है.
हवाला की यह एक ऐसी अंधी गली है, जहां धंधेबाज़ों को न पुलिस का डर है, न इनकम टैक्स और न ही इनफोर्समेंट डायरेक्टरेट के अफसरों का डर. यह गली नहीं डरती है सरकार से.