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दिल्ली में प्रोटेस्ट पॉलिटिक्स... पानी पर BJP का मटका फोड़ प्रदर्शन तो NEET पर AAP और कांग्रेस सड़कों पर

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रोटेस्ट पॉलिटिक्स से माहौल गरमाया हुआ है. सत्तारूढ़ AAP से लेकर BJP और कांग्रेस तक सड़कों पर देखी जा रही है. बीजेपी और कांग्रेस दिल्ली में जल संकट पर प्रदर्शन कर रही हैं. जबकि आम आदमी पार्टी ने तय किया है कि वो NEET परीक्षा में गड़बड़ी के मुद्दे पर प्रदर्शन करेगी.

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दिल्ली में पानी के संकट के बीच सियासत जारी है.
दिल्ली में पानी के संकट के बीच सियासत जारी है.

दिल्ली में जल संकट के बीच सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने तय किया है कि वो नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) परीक्षा में गड़बड़ी के मुद्दे पर पूरे देश में प्रदर्शन करेगी. AAP नेता और कार्यकर्ता आज दिल्ली में जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने पहुंच गए हैं. AAP का कहना है कि वो हर राज्य की राजधानी में भी प्रदर्शन करेगी. वहीं, बीजेपी राष्ट्रीय राजधानी में जल संकट के मुद्दे पर केजरीवाल सरकार के खिलाफ प्रोटेस्ट कर रही है. कांग्रेस भी जल संकट और NEET के मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन कर रही है.

दरअसल, दिल्ली में जल संकट कोई नया नहीं है. हर साल गर्मियों में दिल्ली वालों को इस संकट से जूझना पड़ता है, लेकिन समाधान के बजाय प्रमुख राजनीतिक पार्टियां जल संकट पर आमने-सामने हैं. आम आदमी पार्टी और बीजेपी दोनों आमने-सामने हैं. कांग्रेस भी AAP और केंद्र सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आई है. सोमवार को लगातार दूसरे दिन दिल्ली में पानी की किल्लत पर बीजेपी ने प्रदर्शन किया. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने गीता कॉलोनी, सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी ने खानपुर, चांदी चौक से सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने लाल बाग स्थित संगम पार्क, नॉर्थ वेस्ट से सांसद योगेंद्र चंदोलिया ने करोल बाग पुरानी पुलिस चौकी के पास और सांसद मनोज तिवारी ने मुखर्जी नगर जल बोर्ड कार्यालय के पास प्रदर्शन किया.

लालबाग में केजरीवाल का पुतला भी जलाया

लाल बाग में बीजेपी ने केजरीवाल का पुतला जलाया. बीजेपी लगातार टैंकर माफिया के खिलाफ आवाज उठा रही है. सांसद खंडेलवाल ने तो मॉडल टाउन में मटके भी फोड़े. बीजेपी का कहना है कि लाइनों में इतना ज्यादा लीकेज है कि जितना उत्पादन हो रहा है, उसका 54 प्रतिशत बह जाता है. सरकार ने पाइपलाइन बंद करवाने का प्रयास ही नहीं किया.

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बीजेपी का कहना है कि केजरीवाल सरकार से टैंकर माफिया से गठजोड़ है. कार्यकर्ताओं ने मटके फोड़ कर गुस्से जाहिर किया और केजरीवाल का पुतला जलाकर पानी की समस्या का तुरंत हल करने की जोरदार मांग भी की. खंडेलवाल ने कहा, यह बेहद अफसोस की बात है कि दिल्ली का आधे से ज्यादा हिस्सा जल संकट का सामना कर रहा है. दिल्ली की जल मंत्री आतिशी पाइपलाइनों में रिसाव को ठीक करने और टैंकर माफिया द्वारा पानी की चोरी को रोकने के बजाय आरोप जड़ने में लगी हुई हैं. इस मामले में असफल रहने पर मंत्री आतिशी को इस्तीफा दे देना चाहिए. बीजेपी ने सोमवार को एक साथ 55 जगहों पर प्रदर्शन किया.

एक आंकड़े के मुताबिक दिल्ली में रिसाव और पानी की चोरी शहर में 54% पानी की हानि का कारण है. हालांकि सरकार का दावा है कि इसे बहुत कम किया गया है.

जल संकट के पीछे बीजेपी का हाथ: AAP

वहीं, आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने आरोप लगाया कि दिल्ली में जल संकट के पीछे बीजेपी का हाथ है. उनका कहना है कि भाजपा वाले चाहते हैं कि दिल्ली के लोगों को पानी उपलब्ध ना हो, इसीलिए वे पानी की पाइपलाइन तोड़ रहे हैं और दिल्लीवालों को संकट में डालने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं, मंत्री आतिशी ने कहा, यहां पानी की किल्लत आने वाले दिनों में और गंभीर हो सकती है. वजह यह है कि हरियाणा ना सिर्फ मुनक नहर में कम पानी छोड़ रहा है, बल्कि हथिनी कुंड बैराज से यमुना नदी में जो पानी आता है, उसकी मात्रा भी कम कर दी है.

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नीट

AAP का जंतर-मंतर पर प्रोटेस्ट

NEET परीक्षा में गड़बड़ियों के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी ने तय किया है कि वो 18 और 19 जून को पूरे देश में प्रदर्शन करेगी. 18 जून को दिल्ली में जंतर-मंतर पर पार्टी के विधायक, सांसद, पार्षद और कार्यकर्ता केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे. 19 जून को देश के दूसरे राज्यों में प्रदर्शन किए जाएंगे और नीट एग्जाम फिर से रखे जाने की मांग उठाएंगे. AAP के राष्ट्रीय महासचिव संदीप पाठक ने कहा, NEET की परीक्षा में बहुत गड़बडियां सामने आई हैं. मोदी सरकार की लाखों बच्चों के मेहनत और सपनों पर ऐसे घोटाले देश बर्दाश्त नहीं करेगा. इस घोटाले के विरोध में आम आदमी पार्टी पूरे देश में विरोध प्रदर्शन करेगी. 18 जून को सुबह 11 बजे आप आदमी पार्टी के सभी सांसद, विधायक और पार्षद जंतर मंतर पर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे. 19 जून को पूरे देश में आम आदमी पार्टी सभी राज्यों में मोदी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेगी.

कांग्रेस ने मटका फोड़ प्रदर्शन किया, उपराज्यपाल को लिखा पत्र

कांग्रेस भी जल संकट के मुद्दे पर AAP सरकार को घेर रही है. इसके साथ ही संसद में प्रतिमा मामले और NEET परीक्षा में गड़बड़ी के मुद्दे पर कांग्रेस विरोध प्रदर्शन कर रही है. मंगलवार को यूथ विंग NSUI के कार्यकर्ताओं ने हैदराबाद में नीट में गड़बड़ी का विरोध किया. इससे पहले दिल्ली कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव के नेतृत्व में पार्टी ने दो दिन पहले शहर में जगह-जगह प्रदर्शन किया है. यादव ने कहा, दिल्लीवासियों को एक-एक बूंद पानी को तरसाने वाली प्रदेश और केंद्र सरकार के विरुद्ध दिल्ली के सभी 280 ब्लॉक में हुए मटका फोड़ प्रदर्शन किया गया है. जल संकट के लिए जो भी जिम्मेदार है, उसे सजा मिलनी चाहिए. हम पानी के इस मुद्दे को लगातार उठाते आ रहे हैं. लेकिन जिस तरीके से राज्य और केंद्र सरकारों का रवैया रहा है, उसका खामियाजा यहां की जनता को भुगतना पड़ रहा है. साल दर साल लीकेज के मामले बढ़ रहे हैं. दिल्ली में गंदा पानी भी सप्लाई किया जा रहा है. पानी के लिए लोगों को पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं. 

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सोमवार को यादव ने जल रिसाव में जल बोर्ड और पुलिस अधिकारियों की निष्क्रियता पर सवाल उठाए और जल मंत्री आतिशी के बयानों के आधार पर आरोपियों के खिलाफ तुरंत एफआईआर दर्ज करने की मांग की है. उन्होंने पानी की बर्बादी में नेताओं के सहयोग की अपील भी की. यादव ने इस संबंध में एलजी को पत्र लिखा है. उन्होंने बकरीद के मौके पर पानी की भारी कमी पर भी चिंता जताई. उन्होंने कहा, लगातार गिरता जलस्तर लोगों के लिए चिंता का विषय है. सभी को मिलकर प्रयास करना चाहिए. उन्होंने जल संकट के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

यादव ने आरोप लगाया कि काफी बर्बादी के बावजूद दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) और दिल्ली पुलिस ने दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है. दिल्ली के कई हिस्सों में डीजेबी पाइप से पानी की चोरी एक आम बात बन गई है.

फिलहाल, जब राजनीतिक पार्टियां आमने-सामने हैं तो सवाल उठता है कि दिल्ली की जनता को कब और कैसे राहत मिलेगी?

पिछ्ले कुछ दिनों से पानी को लेकर दिल्ली सरकार का बेहद गैर जिम्मेदराना रवैया देखने को मिल रहा है. दिल्ली में महिलायें, बच्चे, बूढ़े और जवान अपनी जान जोखिम मे डाल कर एक बाल्टी पानी के लिए टैंकरों के पीछे भागते दिखाई दे रहे हैं.

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पानी की समस्या पर एलजी ने भी कसा है तंज

देश की राजधानी में ऐसे हैरान करने वाले दृश्य देखने को मिलेंगे, जिसकी शायद किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी. लेकिन, सरकार अपनी विफलताओं को स्वीकार करने की बजाय अन्य राज्यों पर ठीकरा फोड़ रही है. मुख्यमंत्री द्वारा दिल्ली में 24 घंटे पानी सप्लाई करने का वादा अब तक एक छलावा ही साबित हुआ है.

जानकारी के मुताबिक, हरियाणा और उत्तर प्रदेश लगातार अपने निर्धारित कोटे का पानी दिल्ली को दे रहे हैं. इसके बावजूद आज दिल्ली में पानी की भयंकर कमी की जो सबसे बड़ी वजह है, वो यह है कि जितना पानी का उत्पादन हो रहा है, उसमें 54 प्रतिशत का कोई हिसाब ही नहीं है. 40 प्रतिशत पानी सप्लाई के दौरान पुरानी और जर्जर पाइपलाइनों की वजह से बर्बाद हो जाता है. पिछले 10 सालों में दिल्ली सरकार द्वारा हजारों करोड़ रुपये खर्च किए गए. उसके बावजूद ना तो पुरानी पाइपलाइनों का रिपेयर हो सका. ना उन्हें बदला जा सका और ना ही पर्याप्त नई पाइपलाइन डाली गई. हद तो ये है कि इसी पानी को चोरी करके, टैंकर माफिया द्वारा गरीब जनता को बेचा जाता है.

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औसतन मात्र 15 लीटर पानी प्रति व्यक्ति सप्लाई

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एक तरफ दिल्ली के पॉश इलाकों में औसतन प्रतिदिन प्रति व्यक्ति 550 लीटर पानी सप्लाई किया जा रहा है. वहीं, गांवों और कच्ची बस्तियों में रोजाना औसतन मात्र 15 लीटर पानी प्रति व्यक्ति सप्लाई किया जाता है. वजीरावाद को छोड़ कर दिल्ली के सारे वाटर ट्रीटमेंट प्लांट्स अपनी क्षमता से ज्यादा पानी का उत्पादन कर रहे हैं. वजीराबाद ट्रीटमेंट प्लांट इस वजह से पूरी क्षमता से काम नहीं कर पा रहा है, क्योंकि बराज का जलाशय, जहां हरियाणा से आया पानी जमा होता है, लगभग पूरी तरह गाद से भरा हुआ है. इसके कारण इस जलाशय की क्षमता, जो 250 मिलियन गैलन हुआ करती थी, वो घटकर मात्र 16 मिलियन गैलन रह गई है. उपराज्यपाल ने ये भी कहा कि 2013 तक हर साल यमुना की सफाई होती थी और गाद निकाला जाता था. लेकिन पिछले 10 सालों में एक बार भी सफाई नहीं करवाई गई और हर साल पानी की कमी के लिए दूसरों पर दोष मढ़ा जाता रहा.

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