कोरोना महामारी के चलते लंबे वक्त से बंद पड़े स्कूलों को खोलने के लिए प्राइवेट स्कूल की एक्शन कमेटी ने दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल को पत्र लिखा है. पत्र में लिखा है कि लंबे वक्त से स्कूल बंद होने के चलते पढ़ने वाले बच्चों का लर्निंग स्केल काफी कम हो गया है. इसके साथ ही जब देश के कई मेट्रो सिटीज में स्कूलों को खोलने का फैसला ले लिया गया है, तो ऐसे में दिल्ली में भी स्कूलों को खोला जाना चाहिए.
पता हो कि कोरोनो वायरस महामारी के कारण बीच में कुछ संक्षिप्त अवधि को छोड़कर, बच्चे लगभग दो वर्षों से ज्यादातर ऑनलाइन क्लासेस ही ले रहे हैं. सूत्रों का कहना है कि केंद्र सरकार सभी कोविड से संबंधित प्रोटोकॉल का पालन करते हुए स्कूलों को खोलने के लिए एक मॉडल पर काम कर रही है.
महामारी विज्ञानी और पब्लिक पॉलिसी स्पेशलिस्ट चंद्रकांत लहरिया और सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च की अध्यक्ष यामिनी अय्यर की अगुवाई में माता-पिता के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से भी मुलाकात की थी. इस दौरान 1,600 से अधिक अभिभावकों का हस्ताक्षरित एक ज्ञापन सौंपा था, जिसमें स्कूलों को फिर से खोलने की मांग की गई थी.
कुछ अन्य राज्यों में भी इसी तरह की मांग की गई है, हालांकि अभिभावकों का एक अन्य वर्ग ऑनलाइन कक्षाओं को जारी रखने के पक्ष में रहा है. दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में स्कूलों को फिर से खोलने की सिफारिश की थी, लेकिन इस पर फैसला गुरुवार को हुई दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की अगली बैठक तक के लिए टाल दिया गया.
गौरतलब है कि दिल्ली में कुछ समय के लिए फिर से स्कूल खोले गए थे, लेकिन पिछले साल 28 दिसंबर को ओमिक्रॉन वैरिएंट की दहशत के चलते ऑनलाइन क्लासेस शुरू कर दी गईं.