कनाडा में भारतीय उच्चायोग पर खालिस्तानी समर्थक भीड़ द्वारा 2023 में किए गए हिंसक हमले मामले में एनआईए ने पंजाब में 13 जगहों पर सर्च ऑपरेशन चलाया. अपने इस ऑपरेशन के दौरान जांच एजेंसी ने कई आपत्तिजनक डॉक्यूमेंट्स और डिजिटल इक्विपमेंट जब्त किए हैं.
एनआईए की टीम ने अमृतसर, गुरदासपुर, जालंधर, पटियाला, शहीद भगत सिंह नगर, तरनतारन और मोगा जिले में कई जगहों पर तलाशी ली. एनआईए का मानना है कि जिन जगहों पर छापेमारी की गई है वो लोग आरोपी खालिस्तानी नेता अमरजोत और उसके सहयोगियों से जुड़े हुए हैं.
NIA को मिली आपत्तिजनक चीजें
एनआईए की टीमें मोबाइल फोन, सिम कार्ड, पेन ड्राइव, आई-पैड, डीवीआर, हार्ड डिस्क/एसएसडी, मेमोरी कार्ड आदि समेत कई डिजिटल डिवाइस की जांच कर रही है. साथ ही तलाशी के दौरान जब्त किए गए संदिग्ध वित्तीय लेनदेन रिकॉर्ड और आपत्तिजनक दस्तावेजों की भी जांच कर रही हैं.
बता दें कि अमरजोत का नाम आरसी-17/2023/एनआईए/डीएलआई के मामले में प्राथमिकी में दर्ज की गई थी. यह मामला पिछले साल 16 जून को आईपीसी, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और यूएपीए की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज किया गया था
जांच के अनुसार, अमरजोत ने उन प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व किया था, जिन्होंने 23 मार्च 2023 को भारत विरोधी नारे लगाए थे. उच्चायोग की चारदीवारी पर खालिस्तानी झंडा बांधा था और इमारत के अंदर दो हथगोले फेंके थे.
NIA ने दाखिल किया आरोपपत्र
हाल ही में एनआईए ने भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक इंद्रपाल सिंह गाबा के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था. जांच एजेंसी ने हाउंस्लो के रहने वाले इंद्रपाल को मुख्य आरोपी बनाया है. आरोपी को इस साल 25 अप्रैल को एनआईए ने गहन जांच के बाद गिरफ्तार किया था, जिसमें अलगाववादी गतिविधि में उसकी भूमिका स्थापित हुई थी.
क्या है मामला
आपको बता दें कि पिछले साल ब्रिटेन में भारतीय उच्चायोग के बाहर खालिस्तान समर्थकों ने हिंसक प्रदर्शन के दौरान भारत के खिलाफ नारेबाजी की. आरोपियों ने उच्चायोग की दीवार पर खालिस्तानी झंडा लगाने और हैंड ग्रेनेड फेंकना का भी आरोप है. इस घटना का विरोध जताते हुए भारत में कनाडा से अपने सभी राजनयिकों को वापस बुला लिया था. इसके बाद कनाडा ने भी कनाडा ने भी अपने राजनयिकों को वापस बुला लिया था.