सोशल मीडिया पर पिछले कुछ दिनों में रात के समय आसमान में तेज और चमकदार रोशनी के वीडियो वायरल हो रहे हैं. लोगों ने इसे पहली नजर में एक उल्का पिंड की बारिश या शॉर्ट-लाइविंग शूटिंग स्टार समझा. ये रोशनी नोएडा, गाजियाबाद के साथ अन्य कई शहरों में रात के समय दिखी है, जिसको लेकर लोग हैरान हैं और तरह-तरह के कयास लगा रहे हैं.
लोगों का कहना है कि आसमान में ऐसी रोशनी पहली भी कई बार दिखी है. नेहरू प्लेनेटेरियम के वरिष्ठ इंजीनियर ओपी गुप्ता ने इसे स्पष्ट करते हुए कहा कि यह घटना सैटेलाइट डिसइंटिग्रेशन की है. उन्होंने बताया कि यह मलबा विशेष रूप से गाजियाबाद, जयपुर, अलीगढ़, गुरुग्राम और नोएडा के आसमान में देखा गया है. उन्होंने कहा कि टूटते हुए सैटेलाइट के टुकड़े धीरे-धीरे वायुमंडल में प्रवेश करते हैं और इस दौरान सूर्य की रोशनी पर चमकते हैं, जिससे यह तेज और असामान्य रोशनी पैदा होती है.
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नेहरू प्लेनेटेरियम की वैज्ञानिक प्रेरणा चंद्रा ने कहा कि यह कोई उल्कापिंड टूटने के बाद उसकी बारिश नहीं है. यह सैटेलाइट के मलबे का असर है.. उन्होंने कहा कि जो चमकदार रोशनी लोग देख रहे हैं, वह एक टूटते हुए सैटेलाइट के टुकड़ों का प्रतिबिंब है. यह बिल्कुल भी एक सामान्य शूटिंग स्टार की तरह नहीं है.
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वैज्ञानिकों ने आश्वस्त किया कि यह प्राकृतिक या खगोलीय घटना नहीं, बल्कि मानव निर्मित सैटेलाइट का मलबा है. सैटेलाइट के टूटने के बाद छोटे-छोटे टुकड़े वायुमंडल में जल जाते हैं. वहीं कुछ बड़े टुकड़े बचते हैं, जिनके पृथ्वी की सतह तक पहुंचने की संभावना भी बहुत कम होती है. साइंस एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऐसे दृश्य रात के समय आसमान में देखने वालों के लिए मनोरम तो होते हैं, लेकिन इन्हें उल्का वर्षा या अंतरिक्षीय घटनाओं के रूप में समझना सही नहीं है.