scorecardresearch
 

केजरीवाल 11 दिन से हैं बेल पर बाहर, फिर भी अधर में लटका है MCD का मेयर चुनाव, जानें क्यों

दिल्ली नगर निगम (MCD) के सूत्रों ने कहा कि पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति के लिए उपराज्यपाल वीके सक्सेना की मंजूरी लेने वाली फाइल अभी तक नगर निगम सचिव के कार्यालय से आगे नहीं बढ़ी है.

Advertisement
X
केजरीवाल के बाहर आने के बावजूद भी नहीं हो पा रहा MCD चुनाव
केजरीवाल के बाहर आने के बावजूद भी नहीं हो पा रहा MCD चुनाव

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मेयर चुनाव अभी भी अधर में लटका हुआ है, जबकि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 11 दिनों से जमानत पर बाहर हैं. दरअसल पहले चुनाव कराने के लिए सीएम के ही हस्ताक्षर का इंतजार किया जा रहा था. लेकिन चुनाव अब तक नहीं हो सका है. 

दिल्ली नगर निगम (MCD) के सूत्रों ने कहा कि पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति के लिए उपराज्यपाल वीके सक्सेना की मंजूरी लेने वाली फाइल अभी तक नगर निगम सचिव के कार्यालय से आगे नहीं बढ़ी है.

क्या है मेयर चुनाव अटकने की पूरी कहानी? 

दिल्ली नगर निगम में इस साल शैली ओबेरॉय की जगह पर नए मेयर का चुनाव होना था. आम आदमी पार्टी और बीजेपी ने मेयर और डिप्टी मेयर के उम्मीदवारों का नामांकन भी करवा दिया, लेकिन पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति न  होने की वजह से चुनाव टल गया.  

एलजी ने लौटा दी थी फाइल 

दिल्ली के LG विनय कुमार सक्सेना ने पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति न करने की वजह बताते हुए फाइल लौटा दी थी. उन्होंने कहा था कि पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति वाली फाइल पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का रिकमेंडेशन नहीं था, क्योंकि तब वह तिहाड़ जेल में बंद थे.

Advertisement

क्या कहते हैं नियम?

नियमों के मुताबिक MCD को LG के पास एक नई रिक्वेस्ट भेजनी होगी, जो मेयर चुनाव कराने के लिए पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति के लिए मुख्यमंत्री केजरीवाल तक पहुंचने से पहले दिल्ली के मुख्य सचिव और शहरी विकास विभाग से होकर गुजरेगी. सूत्रों की मानें तो, 'अभी तक दिल्ली मेयर चुनाव कराने के लिए एलजी की मंजूरी लेने के लिए मौजूदा मेयर कार्यालय से कोई नया अनुरोध प्राप्त ही नहीं हुआ है. पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति के लिए एक नई फाइल MCD से LG कार्यालय में भेजनी होगी, जिसपर केजरीवाल का रिकमेंडेशन जरूरी है.'

बता दें कि MCD ने उपराज्यपाल द्वारा पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति न किए जाने का हवाला देते हुए अप्रैल में मेयर चुनाव स्थगित कर दिया था.

जेल में थे केजरीवाल इसलिए नहीं हो सकी पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति

एलजी वीके सक्सेना ने 'मुख्यमंत्री से रिक्मेंडेशन अभाव में' एक पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने से इनकार कर दिया था. क्योंकि तब दिल्ली शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सीएम जेल में बंद थे. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को केजरीवाल को लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार करने के लिए सशर्त 21 दिन की अंतरिम जमानत दे दी थी. केजरीवाल को जमानत इस शर्त पर मिली थी कि सात चरण का मतदान खत्म होने के एक दिन बाद 2 जून को उन्हें जेल अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण करना होगा.

Advertisement

इसलिए नहीं आगे बढ़ पा रही फाइल

हालांकि कोर्ट द्वारा दी गई जमानत की शर्तों में यह भी कहा गया है कि मुख्यमंत्री को अंतरिम जमानत अवधि के दौरान किसी भी आधिकारिक फाइल पर हस्ताक्षर नहीं कर सकेगा. हालांकि बहुत जरूरी हो तो किसी भी मामले में आधिकारिक फाइल पर हस्ताक्षर करने के लिए उपराज्यपाल की मंजूरी लेनी होगी. इस दौरान केजरीवाल अपने कार्यालय या दिल्ली सचिवालय में भी नहीं जा सकेंगे.

अरविंद केजरीवाल बतौर मुख्यमंत्री कोई भी काम नहीं कर सकते. ऐसे में जब तक सीएम की तरफ से रिकमेंडेशन नहीं मिलेगा, तब तक मेयर का चुनाव नहीं हो पाएगा. 

वर्तमान में, मेयर शेली ओबेरॉय और डिप्टी मेयर आले मुहम्मद इकबाल अगले मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव नहीं होने तक पद पर बने रहेंगे.

पीठासीन अधिकारी करवाता है नए मेयर का चुनाव

गौरतलब है कि चुनाव की तारीख तय होते ही निगम सचिव कार्यालय पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति के लिए फाइल आगे बढ़ाता है, जो निगम आयुक्त कार्यालय से होते हुए दिल्ली शहरी विकास विभाग के पास और अंत में एलजी ऑफिस जाती है. दिल्ली नगर निगम का अधिनियम 77 ये कहता है कि मेयर, डिप्टी मेयर का चुनाव कराने की जिम्मेदारी पीठासीन अधिकारी की होती है, तत्कालीन मेयर अगर अगले मेयर चुनाव में दोबारा प्रत्याशी नहीं हैं, तो ऐसे में निगम में परंपरा रही है कि पूर्व मेयर को ही पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया जाता है. इस बार आम आदमी पार्टी की तरफ से पीठासीन अधिकारी के लिए जिन पार्षदों का नाम भेजा गया, एलजी ने उसे लौटा दिया क्योंकि मुख्यमंत्री का रिकमेंडेशन नहीं था. 

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement