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350 पेट्रोल पंपों पर पहरा, 100 पर पुलिस तैनात... दिल्ली में उम्र पूरी कर चुकीं 62 लाख गाड़ियों पर संकट

VAHAAN डाटाबेस के अनुसार, दिल्ली में करीब 62 लाख ऐसे वाहन हैं जो अब EoL की कैटेगरी में आते हैं. इनमें 41 लाख दोपहिया और 18 लाख चारपहिया वाहन शामिल हैं. एनसीआर के अन्य जिलों में भी बड़ी संख्या में ऐसे वाहन हैं. इनमें हरियाणा में 27.5 लाख, उत्तर प्रदेश में 12.4 लाख और राजस्थान में 6.1 लाख वाहन शामिल हैं.

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दिल्ली में आज से तय समयसीमा पूरी कर चुके वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू (सांकेतिक फोटो: Meta AI)
दिल्ली में आज से तय समयसीमा पूरी कर चुके वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू (सांकेतिक फोटो: Meta AI)

अगर आप दिल्ली में रहते हैं और आपकी गाड़ी 15 साल से ज्यादा पुरानी हो चुकी है तो आज घर से निकलने से पहले थोड़ा सावधान हो जाएं. राजधानी दिल्ली में आज से End-of-Life Vehicles (EoL) यानी तय समयसीमा पूरी कर चुके वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू हो गई है. 

मालिकों पर लगेगा 10 हजार रुपये का जुर्माना

अब 15 साल से अधिक पुरानी पेट्रोल गाड़ियों और 10 साल से पुरानी डीजल गाड़ियों को न तो सड़कों पर चलने की इजाजत होगी और न ही इन्हें ईंधन मिलेगा. दिल्ली सरकार ने इन पुराने वाहनों की धरपकड़ और जब्ती के लिए सख्त प्रावधान लागू किए हैं. ऐसे वाहन पकड़े जाने पर मालिक को 10,000 रुपये का चालान भरना होगा. वहीं जिन दोपहिया वाहनों की उम्र पूरी हो चुकी है, उनकी जब्ती पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगेगा.

यह भी पढ़ें: दिल्ली में आज से इन वाहनों को No Fuel... पेट्रोल पंपों पर पुलिस की रहेगी नजर, जानिए कौन सी गाड़ियां हो गईं कबाड़

तेल भरवाने पर रोक और पुलिस तैनात

इस अभियान के तहत दिल्ली के 350 पेट्रोल पंप चिन्हित किए गए हैं. इनमें से 100 सबसे व्यस्त पेट्रोल पंपों पर दिल्ली पुलिस की टीमें तैनात रहेंगी. 59 पंपों पर परिवहन विभाग के अधिकारी निगरानी करेंगे. वहीं 91 संवेदनशील पेट्रोल पंपों पर संयुक्त टीमें तैनात होंगी, जिनमें दिल्ली पुलिस और ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट दोनों होंगे. 100 कम संवेदनशील पंपों की निगरानी नगर निगम (MCD) के कर्मचारी करेंगे.

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EoL की कैटेगरी में दिल्ली की 62 लाख गाड़ियां 

VAHAAN डाटाबेस के अनुसार, दिल्ली में करीब 62 लाख ऐसे वाहन हैं जो अब EoL की कैटेगरी में आते हैं. इनमें 41 लाख दोपहिया और 18 लाख चारपहिया वाहन शामिल हैं. एनसीआर के अन्य जिलों में भी बड़ी संख्या में ऐसे वाहन हैं. इनमें हरियाणा में 27.5 लाख, उत्तर प्रदेश में 12.4 लाख और राजस्थान में 6.1 लाख वाहन शामिल हैं. इस अभियान को लेकर सरकार की मंशा साफ है- प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सड़कों से पुराने और जहरीला धुआं फैलाने वाले वाहनों को हटाना.

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