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मॉनसून की विदाई के साथ दिल्ली-NCR में फिर दस्तक देने लगा प्रदूषण! सामने आए आंकड़े

Delhi AQI: मॉनसून की विदाई के साथ-साथ दिल्ली-NCR में प्रदूषण का खतरा भी बढ़ने लगा है. मंगलवार को दिल्ली और आसपास के इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स 100 से ज्यादा दर्ज किया गया है. प्रदूषण के खतरे को देखते हुए दिल्ली सरकार ने भी तैयारी पूरी कर ली है.

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Delhi Pollution (Representational Image)
Delhi Pollution (Representational Image)

Delhi Pollution, Central Pollution Control Board Data: देश के विभिन्न राज्यों से मॉनसून की विदाई हो गई है. जल्द ही देश की राजधानी दिल्ली में भी मॉनसून का असर खत्म होने वाला है. हालांकि, जैसे-जैसे मॉनसून की पूरी तरह विदाई का वक्त पास आ रहा है, दिल्ली में हवा की गुणवत्ता खराब होने लगी है. बता दें कि सितंबर खत्म होते होते राजधानी दिल्ली में सर्दियों की आहट होने लगती है. साथ ही, प्रदूषण का खतरा भी बढ़ जाता है. 

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की ओर से जारी किए गए डेटा के मुताबिक, दिल्ली और आसपास के इलाकों में मंगलवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स 100 से ज्यादा रिकॉर्ड किया गया. दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, फरीदाबाद और गाजियाबाद में मंगलवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 100 से ऊपर चढ़ गया, जो भारत के अन्य शहरों की तुलना में अधिक है. (नीचे ग्राफिक चार्ट में देखें आंकड़े)

दिल्ली में मंगलवार को AQI 108 रिकॉर्ड किया गया, गुरुग्राम में 122, नोएडा में 110, फरीदाबाद में 104 और गाजियाबाद में ये 108 दर्ज किया गया. वहीं, चेन्नई, बेंगलुरू, मुंबई, कोलकाता और पटना में AQI 74 से 80 के बीच दर्ज किया गया. बात दें कि शून्य से 50 के बीच एक्यूआई 'अच्छा', 51 से 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 से 200 के बीच 'मध्यम', 201 से 300 के बीच 'खराब', 301 से 400 के बीच 'बहुत खराब' और 401 से 500 के बीच एक्यूआई 'गंभीर' श्रेणी में माना जाता है.

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Central Pollution Control Board Data
Central Pollution Control Board Data

प्रदूषण से निपटने की तैयारी जारी 

दिल्ली में प्रदूषण के खतरे को देखते हुए केजरीवाल सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री ने सोमवार को डीपीसीसी के इंजीनियरों के साथ सचिवालय में बैठक की थी. इसमें प्रदूषण के खिलाफ विंटर एक्शन प्लान को लेकर चर्चा हुई. मंत्री गोपाल राय ने बताया कि दिल्ली सरकार ने प्रदूषण के खिलाफ विंटर एक्शन प्लान की तैयारी शुरू कर दी है. उन्‍होंने कहा कि अब तक 20 हजार वर्ग मीटर से ज्यादा के कंस्ट्रक्शन या डिमोलिशन साइट्स पर एंटी स्मॉग गन की बाध्यता थी, मगर अब इसमें बदलाव किया गया है. अब से पांच हजार से लेकर 20 हजार वर्ग एरिया की साइट्स पर एंटी स्मॉग गन लगानी अनिवार्य होगी. बता दें, एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस बार बारिश कम हुई है. ऐसे में फसल की कटाई और डस्ट को देखते हुए 15 अक्टूबर के बाद प्रदूषण के स्तर में ज्यादातर बढ़ोतरी हो सकती है.

 

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